किसी राजनीतिक दल को मिलने वाले चंदे की जानकारी पाना नागरिकों का मौलिक अधिकार नहीं है. आप भले ही इस विचार से इत्तेफाक रखें या ना रखें लेकिन ये भारत सरकार का आधिकारिक विचार है । और सरकार के इस विचार से अटॉर्नी जनरल यानी सरकार के सबसे बड़े वकील...सुप्रीम कोर्ट को भी अवगत करा चुके हैं । जब नवंबर 2023 में चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ, Electoral Bond को चुनौती दने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी । लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि मतदाताओं को चुनावी फंडिंग के बारे में जानने का अधिकार है ताकि वो अपने मतदान के लिए सही चयन कर सके.
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