DNA: लोकतंत्र की पुरानी परंपरा रही है कि विपक्ष, सरकार की ओर से लाए जाने वाले नियम कानूनों पर संसद में वाद विवाद करे। लेकिन समय के साथ वाद विवाद का रूप बदलकर...सदन में नारेबाजी...हो हल्ला और प्ले कार्ड दिखाने तक पहुंच चुका है। यही वजह है कि संसद में काम कम...हंगामा ज्यादा होता है। हंगामे की वजह से कामकाज पर प्रभाव पड़ता है। जनता के हित में लाए जाने वाले कई बिल और चर्चाएं बाधित होती हैं। अगर इस वर्ष के कामकाज की बात करें तो इसी वर्ष संसद के बजट सत्र में 28.5 प्रतिशत, मॉनसून सत्र में उन्चास प्रतिशत और शीतकालीन सत्र में अठहत्तर प्रतिशत कामकाज हुआ है। देखा जाए तो इस वर्ष सबसे ज्यादा कामकाज शीतकालीन सत्र में ही हुआ है जो कल खत्म हो गया था।
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos