Deshhit: कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता। एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों। कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां कतर मामले पर सटीक बैठती है। कतर में 8 भारतीयों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। पूरी दुनिया को लगता था, कि इनकी जान अब नहीं बचाई जा सकती। लेकिन नए भारत ने हार नहीं मानी। मोदी सरकार ने कूटनीति के सारे दरवाजे खोल दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद निजी संबंधों का नेटवर्क जोड़ा। और नतीजा देखिए, पहले 8 भारतीयों की फांसी उम्रकैद की सजा में बदल गई। और 46 दिन बाद उम्रकैद रिहाई में बदल गई। जब हमारे भारतीय नागरिक कतर से रिहा होकर अपने देश लौटे तो उन्होंने क्या कहा और ये सब मोदी सरकार ने कैसे मुमकिन कर दिखाया।
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