Taal Thok Ke: भगवान राम की वो मूर्ति प्रकट हो चुकी है जिसकी 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करने वाले हैं। ये राम मंदिर का इस वक्त तक का फाइनल लुक है। ...पहले से ज्यादा संवरा हुआ...पहले से ज़्यादा सजा हुआ। ...अभी 3 दिन और हैं।...उस वक्त तो इसके दर्शन और भी भव्य होंगे। राजनीति अब मूर्तियों तक शिफ्ट हो चुकी है। ...पहले मंदिर पर फ़ैसले का विरोध हुआ, फिर ये विरोध हुआ कि उद्घाटन मोदी क्यों कर रहे हैं। इससे आगे बढ़े तो मुहूर्त पर विरोध किया गया। ..और अब विरोध यहां तक पहुंच गया है कि रामलला विराजमान की पुरानी मूर्ति है, तो फिर नई मूर्ति की ज़रूरत क्या थी? .पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने ट्रस्ट को चिट्ठी लिखकर सवाल उठाए। अब कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने भी यही सवाल उठाए हैं कि रामलला की जगह भगवान राम क्यों विराजमान किये जा रहे हैं? सवाल ये उठ रहा है कि भगवान राम पर राजनीति करने में कहां जाकर रुकोगे?
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