Taal Thok Ke: राम गोपाल यादव ने कहा, सत्ता में बैठे लोग देशवासियों का मौलिक अधिकार छीन रहे हैं और कोर्ट पर भी इतना दबाव है कि वो कुछ कर नहीं पा रहा है. तो इस पूरे बयान के मायने समझने के लिए राम गोपाल यादव ने बयान कहां दिया वो समझिए. 21वीं सदी की सियासत में एक बार फिर सत्रहवीं सदी के मुगल शासक औरंगज़ेब की एंट्री हुई है. सियासी गलियारों में ये एंट्री कराई है. समाजवादी पार्टी के महासचिव राम गोपाल यादव ने. राम गोपाल यादव ने कहा कि औरंगजेब ने जितने मंदिर तुड़वाए उससे सौ गुना अधिक बौद्ध स्तूपों को शंकराचार्य के शिष्यों ने तोड़ा है. ज़ाहिर है राम गोपाल यादव राजनेता से पहले प्रोफेसर भी रहे हैं तो उन्होंने जो कुछ कहा होगा. वो सोच समझकर ही कहा होगा. लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर इस वक्त उन्होंने औरंगजेब का नाम क्यों उछाला.
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