काशी में ज्ञानवापी हो या फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह मस्जिद विवाद.हर कोई चाहता है कि इस बेचैनी का जल्द से जल्द हल निकले. एक तरफ है काशी में ज्ञानवापी परिसर, जिस पर ASI ने सैकड़ों पन्नों की सील बंद लिफाफे वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट वाराणसी की जिला जज कोर्ट में सौंपी है. सर्वे में जुटाए गए सभी साक्ष्य और सामान डीएम वाराणसी को सौंपे गए हैं. जिला कोर्ट ने आज रिपोर्ट पर आज कुछ नहीं कहा. कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसंबर को करेगा. सबूतों में क्या क्या मिला है,किसी को नहीं पता. इसी मसले पर मुस्लिम पक्ष ने आज अपील की है कि सबूतों को कोर्ट की सुनवाई से पहले तक सुरक्षित रक्षा जाए. दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि- ईदगाह मस्जिद के सर्वे को मंजूरी तो पहले ही दे दी थी. लेकिन इसमें कोर्ट कमिश्नर कौन होगा, कितने लोग सर्वे में होंगे, कब से सर्वे होगा, इस पर फैसला अब से कुछ देर में आ सकता है. यानि काशी टू मथुरा सर्वे का अभियान छिड़ा है. इन दोनों मामलों के बीच आज काशी से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की विरासतों के साथ हुए खिलवाड़ पर बड़ी बातें कहीं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश विरासत पर गर्व करना भूल गया था. लेकिन अब देश के लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. उन्होंने कहा कि दशकों तक देश में विरोध की सोच हावी रही. जिसमें सोमनाथ मंदिर का भी विरोध किया गया. लेकिन अब समय का चक्र बदला है और लोग विरासत पर गर्व करने लगे हैं. प्रधानमंत्री मोदी के विरासत को लेकर समय चक्र बदलने वाली बात के क्या मायने हैं. दूसरी तरफ जिस तरह का तानाबाना नजर आ रहा है क्या . 2024 की घड़ी में सनातन ही सर्वोपरि होने वाला है.
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos
More Videos