Hallucination Effects: महाराष्ट्र के बीड जिले के परली शहर से गोंद के नशे से जुड़ी एक दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां अरबाज रमजान कुरैशी नाम के एक युवक ने नशे की हालत में अपने माता-पिता और दादी पर चाकू से हमला कर दिया. यह हमला उसने इसलिए किया क्योंकि घरवालों ने उसे पैसे देने से मना कर दिया था. जानकारी के मुताबिक, अरबाज ने अपने परिवार से पैसे मांगे, लेकिन इनकार कर दिया गया. इसके बाद वह नशे में बेकाबू हो गया और चाकू लेकर माता-पिता और दादी पर हमला कर दिया. उसकी दादी जुबैदा कुरैशी की मौके पर ही मौत हो गई.
माता-पिता की हालत कैसी है?
हमले में घायल माता-पिता को अंबाजोगाई के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है. पुलिस ने आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है. गोंद और पेंट थिनर में मौजूद टोल्यून (Toluene) नामक जहरीला केमिकल सीधे दिमाग की कोशिकाओं में घुल जाता है. इससे व्यक्ति को भ्रम (Hallucination) होने लगता है, साथ ही सुनने की क्षमता कम हो सकती है और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को भी गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
नाबालिग और युवा सबसे ज्यादा शिकार
विशेषज्ञों का कहना है कि यह लत ज्यादातर युवाओं और यहां तक कि नाबालिगों में देखी जाती है, क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध हो जाती है और शुरुआत में इसकी लत का पता भी नहीं चलता. लेकिन जैसे-जैसे नशा बढ़ता है, व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होता जाता है और कई बार अपराध तक कर बैठता है. यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ी चेतावनी है कि ऐसे नशों पर समय रहते रोक लगाना जरूरी है. अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों पर नजर रखनी चाहिए और नशे के खतरों के बारे में उन्हें जागरूक करना चाहिए.
FAQs
Q1. इस घटना में क्या हुआ?
परली शहर में गोंद के नशे में युवक ने पैसे न मिलने पर माता-पिता और दादी पर हमला किया, जिसमें दादी की मौत हो गई.
Q2. गोंद का नशा क्यों खतरनाक है?
इसमें मौजूद टोल्यून केमिकल दिमाग, किडनी, लीवर और नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और मानसिक संतुलन बिगाड़ देता है.
Q3. गोंद की लत किसे ज्यादा होती है?
ज्यादातर यह लत युवाओं और नाबालिगों में देखी जाती है, खासकर कमजोर आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि वाले क्षेत्रों में.