Plane Crash Viral News: 24 जून 1982 की रात को ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट 9, एक बोइंग 747, कुआलालंपुर से पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) जा रही थी. मौसम साफ था, सब कुछ सामान्य लग रहा था. लेकिन जैसे ही विमान इंडोनेशिया के ऊपर पहुंचा, माउंट गलुंगगुंग ज्वालामुखी से निकली राख का एक बड़ा बादल उसके रास्ते में आ गया. इसके बाद यह राख इतनी बारीक और सूखी थी कि मौसम रडार पर दिखाई ही नहीं दी. जैसे ही विमान बादल में घुसा, कुछ अजीब बातें होने लगीं. खिड़कियों पर बिजली जैसी चमक, केबिन में धुंआ और बदबू, और फिर एक-एक कर के सभी चारों इंजन बंद हो गए.
हालांकि उस समय विमान 37,000 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरने लगा. नीचे था सिर्फ समंदर और पहाड़. इस डरावनी स्थिति में भी कप्तान एरिक मूडी और उनके साथियों ने घबराए बिना कंट्रोल संभाला. उन्होंने यात्रियों को शांति से जानकारी दी और कहा, “सभी इंजन बंद हो चुके हैं. हम उन्हें दोबारा चालू करने की कोशिश कर रहे हैं. घबराने की जरूरत नहीं है.”
तीन इंजन दोबारा शुरू
इसी बीच प्लेन 13,000 फीट तक नीचे आ गया. जैसे ही वह राख के बादल से बाहर निकला, इंजन में जम चुकी राख ठंडी हवा से टूटने लगी और तीन इंजन दोबारा शुरू हो गए. इसके बाद पायलट्स ने विमान को इंडोनेशिया के जकार्ता के हलिम एयरपोर्ट की ओर मोड़ा और वहां सफल आपातकालीन लैंडिंग की. प्लेन की विंडस्क्रीन राख से इतनी खराब हो गई थी कि बाहर कुछ साफ दिख नहीं रहा था. लैंडिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था, फिर भी कप्तान मूडी और उनके क्रू ने सबको सुरक्षित बचा लिया. और आज, 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के हादसे ने एक बार फिर हमें याद दिलाया कि हवाई यात्रा जितनी तेज और सुविधाजनक है, उतनी ही संवेदनशील और जोखिम भरी भी हो सकती है.
अहमदाबाद में क्या हो सकता था? चमत्कार
अब अहमदाबाद की बात. 12 जून 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI1717, अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के पांच मिनट बाद मेघनी नगर में क्रैश हो गई. बोइंग 787-8 में 225 यात्री और 17 क्रू मेंबर्स थे, जिनमें पूर्व गुजरात CM विजय रूपाणी भी शामिल थे. विमान सिर्फ 625 फीट ऊंचा गया और फिर तेजी से नीचे गिरा. फ्लाइटराडर24 के मुताबिक, सिग्नल टूट गया. विमान ने एयरपोर्ट की दीवार से टक्कर मारी और आग लग गई. X पर वायरल वीडियो में काला धुआं और मलबा दिखा. एक गवाह ने कहा, “जोर का धमाका हुआ. बाहर देखा तो सब बिखरा था.” 12 फायर ब्रिगेड्स और एम्बुलेंस बचाव में जुटे. सिविल हॉस्पिटल में इमरजेंसी लगाई गई.
क्या था दोनों में अंतर
जांच में पता चला कि ब्रिटिश एयरवेज के हादसे की वजह ज्वालामुखी राख थी जो इंजनों में घुसकर गल गई. अहमदाबाद हादसे की वजह अभी साफ नहीं, लेकिन भरा हुआ ईंधन आग को और बड़ा बना सकता था. DGCA और AAIB जांच कर रहे हैं. वहीं, ब्रिटिश एयरवेज की तरह जहां क्रू की ट्रेनिंग और किस्मत ने चमत्कार किया, ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट 9 ने ज्वालामुखी राख के खतरों को दुनिया के सामने लाया. इसके बाद रडार सिस्टम बेहतर हुए और हवाई रास्ते बदल गए. कप्तान मूडी को क्वीन कमेंडेशन और गिनीज रिकॉर्ड मिला.