trendingNow12798535
Hindi News >>जरा हटके
Advertisement

हमें पता था कि वो... प्लेन क्रैश में मणिपुर की केबिन क्रू की भी मौत, पिता ने रोते-रोते बताया क्या हुआ था आखिरी बार

Air India Air Hostess: मणिपुर के थोउबल शहर में एक 21 साल की लड़की एनगंथोई शर्मा कोंगब्राइलत्पम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. एयर इंडिया के विमान हादसे की खबर आते ही पूरा परिवार सदमे में डूब गया.

 
हमें पता था कि वो... प्लेन क्रैश में मणिपुर की केबिन क्रू की भी मौत, पिता ने रोते-रोते बताया क्या हुआ था आखिरी बार
Alkesh Kushwaha|Updated: Jun 13, 2025, 07:50 AM IST
Share

Ahamedabad Plane Crash: मणिपुर के थोउबल शहर में एक 21 साल की लड़की एनगंथोई शर्मा कोंगब्राइलत्पम के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. एयर इंडिया के विमान हादसे की खबर आते ही पूरा परिवार सदमे में डूब गया. एनगंथोई उस फ्लाइट में केबिन क्रू के तौर पर ड्यूटी पर थीं. उसने अपने पिता और बड़ी बहन से सुबह 11:30 बजे आखिरी बार बात की थी. उसने कहा था कि वह आज लंदन की फ्लाइट पर जा रही है और कुछ दिनों तक कॉल नहीं कर पाएगी, लेकिन 15 जून को लौटकर संपर्क करेगी. एनगंथोई के पिता नंदेश कुमार शर्मा कहते हैं, “उसी कॉल में उसने हमसे आखिरी बार बात की थी.”

पिता ने क्यों कहा- हमें पता था कि वो...

करीब तीन घंटे बाद उनकी बड़ी बेटी घबराते हुए दौड़ती आई और मोबाइल पर न्यूज दिखाई जिसमें बताया गया था कि जिस फ्लाइट पर एनगंथोई थी, वो क्रैश हो गई है. पिता बताते हैं, “हमें पता था कि वो उसी विमान में थी लेकिन एयर इंडिया या किसी भी अधिकारी की तरफ से हमें कोई जानकारी नहीं दी गई. सारी खबरें हमें बस टीवी और फेसबुक से ही मिल रही हैं.”

कब शुरू की थी नौकरी?

एनगंथोई तीन बहनों में मंझली थी. उसने एयर इंडिया में 2023 में नौकरी शुरू की थी जो उसका पहला जॉब था. उस समय वह किशोर अवस्था में ही थी और इम्फाल के डीएम कॉलेज में अपने पहले सेमेस्टर की परीक्षा दी थी. उसके कुछ दोस्तों ने एयर होस्टेस की ट्रेनिंग ली थी और जब वे इंटरव्यू देने जा रहे थे, तो एनगंथोई भी साथ चली गई और वहीं उसका सिलेक्शन हो गया. उसके पिता ने कहा, “वो बहुत छोटी थी, लेकिन मुझे खुशी थी कि उसे एक अच्छी कंपनी में नौकरी मिली. सोचा था कि जब बड़ी होगी तो मणिपुर में स्थायी नौकरी ढूंढ लेगी.”

पिता ने रोते हुए क्या कह डाला

नौकरी के चलते वह मुंबई में रहती थी, जहां एयर इंडिया की अन्य मणिपुरी लड़कियों के साथ एक फ्लैट शेयर करती थी. उसके पिता बताते हैं कि वो आखिरी बार मार्च में घर आई थी, जब वे अस्पताल में इलाज करवा रहे थे. वह बिना बताए आई थी और गेट पर पहुंचकर चौंका देती थी. पिता ने बताया, “उसने हमेशा हमें सरप्राइज दिया. छुट्टी मिलने पर अचानक आ जाती थी, बड़ी बहन के साथ प्लान करती और हमें गेट से पुकारती. उसने हम सबकी बहुत देखभाल की.” बताते वक्त उसके पिता की आंखों में आंसू आ गए. यह कहानी सिर्फ एक बेटी की नहीं बल्कि एक पूरे परिवार की उम्मीद, मेहनत और असमय बिछड़ने के दर्द की कहानी है जो कभी नहीं भूल पाएंगे.

Read More
{}{}