Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया. यह प्लेन लंदन जा रहा था और इसमें करीब 1.25 लाख लीटर फ्यूल भरा हुआ था. जैसे ही विमान ने उड़ान भरी, थोड़ी ही देर में यह एक इमारत से टकरा गया. टक्कर इतनी जोरदार थी कि पूरी बिल्डिंग, पास खड़ी गाड़ियां और आसपास का इलाका आग की लपटों में घिर गया. चारों तरफ धमाका, धुआं और चीख-पुकार मच गई. लेकिन इस भयानक हादसे में एक व्यक्ति बच गया – नाम है विश्वास कुमार रमेश.
कैसे बची रमेश की जान?
रमेश विश्वास कुमार दमन व दीव के रहने वाले हैं और ब्रिटेन के नागरिक भी हैं. रमेश उस समय फ्लाइट की सीट नंबर 11A पर बैठे थे. जब हादसा हुआ, उन्होंने तुरंत विमान से छलांग लगा दी. चमत्कारिक रूप से, वे विमान से बाहर निकलकर सड़क पर चलते हुए दिखे. उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके शरीर पर चोटें थीं लेकिन अब वे खतरे से बाहर हैं.
सीट 11A ने निभाई अहम भूमिका
अब सवाल उठता है- रमेश विमान से कैसे कूदे? इसका जवाब छिपा है उनकी सीट नंबर 11A में. एयर इंडिया के विमानों में आगे का हिस्सा बिजनेस क्लास का होता है और उसके बाद होता है इकोनॉमी क्लास. इन दोनों के बीच में एक इमरजेंसी दरवाजा होता है. यही दरवाजा सीट नंबर 11A के पास होता है. यानी, रमेश की सीट दरवाजे के ठीक पास थी और शायद इसी वजह से वे सबसे पहले बाहर निकल पाए.
विमान में कितने इमरजेंसी गेट होते हैं?
एयर इंडिया के विमानों में इमरजेंसी गेट्स की संख्या विमान के आकार और मॉडल पर निर्भर करती है. सामान्यत: इन विमानों में तीन तरह के गेट होते हैं:
फॉरवर्ड और आफ्ट एक्जिट्स (आगे और पीछे के दरवाजे)
ओवर विंग एग्जिट्स (पंखों के ऊपर वाले दरवाजे)
सेंटर गेट्स (बिजनेस और इकोनॉमी के बीच के दरवाजे)
यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्लाइट शुरू होने से पहले इन्हीं गेट्स की जानकारी दी जाती है ताकि इमरजेंसी में लोग तुरंत बाहर निकल सकें. रमेश विश्वास की कहानी सोशल मीडिया पर भगवान का चमत्कार मानी जा रही है. कई लोगों ने लिखा कि 241 लोगों की मौत के बीच उनका बचना चमत्कारी है. कुछ ने लिखा, “11A अब सबसे चर्चित सीट बन गई है.” एक यूजर कहा कि यह सीट सबसे लकी सीट बन गई है.