Snake Slaughter: हर साल भारत में सांपों के काटने से हजारों लोग मर जाते हैं. सांप खासकर कोबरा को देखते ही लोग डर से भागते हैं या उसे मारने की कोशिश करते हैं. लेकिन इंडोनेशिया (Indonesia) के एक छोटे से गांव में कहानी उल्टी है. वहां सांप इंसानों से अपनी जान की भीख मांगते हैं. इंडोनेशिया के जावा द्वीप पर कपेटकन गांव में सांपों को डर की वजह से नहीं, बल्कि फैशन के लिए मारा जाता है. यहां सांपों को पकड़ा जाता है, उन पर अत्याचार किया जाता है और फिर उनकी चमड़ी से चमकदार हैंडबैग, जूते और बेल्ट बनाए जाते हैं. इन लग्जरी सामानों के पीछे का सच बहुत डरावना है.
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें
हाल ही में इस गांव की कुछ परेशान करने वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं. जांच में पता चला कि ये तस्वीरें 'बॉस कोबरा' नाम की फैक्ट्री की हैं, जिसे वकीरा चलाता है. यह फैक्ट्री 2013 में पहली बार चर्चा में आई थी. यहां सांपों को बेरहमी से मारा जाता है और उनकी चमड़ी से बैग, जूते, बटुए और बेल्ट बनाए जाते हैं. ये सामान इंडोनेशिया में सस्ते बिकते हैं, लेकिन यूरोप और अमेरिका में इनकी कीमत 33 लाख रुपये तक होती है.
फैक्ट्री में ऐसे होती है क्रूरता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वकीरा की फैक्ट्री में 10 लोग काम करते हैं और हर महीने 13 लाख रुपये कमाते हैं. इस फैक्ट्री में कोबरा जैसे खतरनाक सांप दर्द में तड़पते हैं क्योंकि उनकी चमड़ी कुछ सेकंड में उतार ली जाती है. फिर इन चमड़ियों को जावा के अन्य हिस्सों में प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाता है. सेंट्रल जावा के कोमल जिले में कारीगर इन चमड़ियों को फैशन प्रोडक्ट्स में बदलते हैं. ये प्रोडक्ट्स चमकदार और आकर्षक लगते हैं, लेकिन इनके पीछे की प्रक्रिया बहुत क्रूर है. सांप के सिर पर पहले हथौड़े से वार किया जाता है ताकि वह बेहोश हो जाए.
फिर उसके मुंह में एक पाइप डालकर पानी भरा जाता है, जिससे उसका शरीर फूल जाता है. पानी को रोकने के लिए उसकी गर्दन पर चमड़े की रस्सी बांधी जाती है. इसके बाद सांप को मांस के हुक पर लटकाया जाता है और उसकी चमड़ी दस्ताने की तरह उतार ली जाती है. कई सांप इस दौरान जिंदा रहते हैं और सदमे या पानी की कमी से धीरे-धीरे मर जाते हैं.
चमड़ी और मांस का व्यापार
उतारी गई चमड़ियों को लकड़ी के तख्तों पर सुखाया जाता है या तो गर्म ओवन में या धूप में. फिर इन्हें आकार देकर टैनरी में भेजा जाता है. लेकिन क्रूरता यहीं खत्म नहीं होती. सांपों की चमड़ी के अलावा उनका मांस भी यहां बहुत मांग में है. कुछ लोग इसे खाते हैं तो कुछ इसे त्वचा रोग, अस्थमा और पुरुष शक्ति बढ़ाने की दवा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. सांपों की चमड़ी और मांस से मुनाफा तो होता है, लेकिन यह पशु क्रूरता का गंभीर सवाल उठाता है. क्या फैशन और दवाओं के लिए इतनी बर्बरता जायज है?