Unique Invention: मदकसीरा के रेकुलकुंटा सरकारी हाई स्कूल में फिजिक्स की टीचर ए विजया भार्गवी ने अपने पति के साथ हुई सड़क दुर्घटना को प्रेरणा में बदला. उनके पति जयप्रकाश बायोलॉजी के टीचर थे, जिनकी पांच साल पहले बाइक चलाते समय दुर्घटना में मौत हो गई. विजया भार्गवी ने बताया, "वह हेलमेट नहीं पहने थे, जिसके कारण उनकी हालत गंभीर हो गई. यह देखकर मैं बहुत डर गई थी." 2017 में एक अन्य टीचर की मोटरसाइकिल दुर्घटना में मौत ने भी उन्हें झकझोर दिया. इन घटनाओं ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया कि क्या ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है.
स्मार्ट हेलमेट की खोज
विजया ने दो साल तक मेहनत करके एक स्मार्ट हेलमेट बनाया. इस हेलमेट में खास सेंसर और तकनीक है, जो बाइक के इंजन से जुड़ा है. अगर राइडर हेलमेट नहीं पहनता, तो बाइक स्टार्ट नहीं होगी. इसमें एक और खास सेंसर है, जो शराब का पता लगाता है. अगर राइडर ने शराब पी रखी है, तो इंजन बंद हो जाता है. दुर्घटना होने पर यह हेलमेट अपने आप पहले से सेट किए गए नंबरों पर लोकेशन और समय के साथ मैसेज भेजता है. यह जीपीएस से जुड़कर 108 एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाओं को भी सूचित करता है. इतनी खूबियों के बावजूद इस हेलमेट की कीमत सिर्फ 2,000 से 2,500 रुपये है.
स्मार्ट डस्टबिन का आविष्कार
विजया ने सड़कों पर बिखरे कचरे को देखकर एक स्मार्ट डस्टबिन भी बनाया है. यह डस्टबिन कचरा डालने वाले का आधार कार्ड स्कैन करता है और नगर पालिका या पंचायत को जानकारी भेजता है. अगर कोई गीला कचरा सूखे कचरे के डिब्बे में डालता है, तो यह अलर्ट भेजता है. डस्टबिन के भरने या कचरे के सड़ने पर भी यह अधिकारियों को सूचित करता है. इससे कचरे का डाटा इकट्ठा होता है, जिससे पता चलता है कि कौन इसका इस्तेमाल नहीं कर रहा. यह कचरा फेंकने की समस्या को रोकने में मदद कर सकता है.
जमकर हो रही खोजों की तारीफ
विजया दो बेटियों साई मैत्रेयी और यमुना श्रुति की मां हैं. उनकी खोजों की तारीफ हो रही है. हिंदुपुर के नगर आयुक्त ने स्मार्ट डस्टबिन को स्थानीय स्तर पर इस्तेमाल करने में रुचि दिखाई है. विजया को श्री सत्य साई जिले के एसपी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पुरस्कार दिया. हैदराबाद की संस्था विग्नाना दर्शिनी ने उन्हें 2023 और 2024 में शिक्षक प्रदर्शनी में पहला पुरस्कार दिया.