Asia richest village: जब हम एशिया की बात करते हैं तो दिमाग में बड़े-बड़े शहरों का ख्याल आता है, जहां अरबपतियों की भरमार है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एशिया का सबसे अमीर गांव भारत में है? यह गांव है गुजरात के भुज जिले में स्थित माधापुर. इस गांव की खास बात ये है कि यहां की आबादी का ज्यादातर हिस्सा NRI (विदेशों में रहने वाले भारतीयों) का है. इन प्रवासी भारतीयों की मेहनत और योगदान ने माधापुर को एक ऐसा गांव बना दिया है जिसकी तुलना किसी विकसित शहर से की जा सकती है.
माधापुर की जनसंख्या सिर्फ 32,000 है, लेकिन इस छोटे से गांव के बैंक खातों में जमा राशि ₹7,000 करोड़ से भी ज्यादा है. ये आंकड़ा भारत सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है. यहां की सड़कें, स्कूल, अस्पताल और बाकी सुविधाएं किसी भी आधुनिक शहर से कम नहीं हैं. इस गांव के अमीर होने की सबसे बड़ी वजह हैं यहां के विदेश में बसे लोग, जो अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, अफ्रीका और न्यूजीलैंड जैसे देशों में काम करते हैं. गांव की 65% आबादी NRI है, यानी हर दो में से एक व्यक्ति विदेश में रहकर गांव की तरक्की में योगदान दे रहा है.
इन एनआरआई लोगों ने न सिर्फ अपने गांव को पैसा भेजा, बल्कि गांव का भविष्य भी संवारा. उन्होंने गांव में अच्छी सड़कों का निर्माण कराया, साफ पानी की व्यवस्था करवाई, स्कूल और कॉलेज बनवाए, अस्पताल खोले और धार्मिक स्थलों का भी विकास किया. आज माधापुर एक पैसा केंद्र (मनी हब) बन चुका है. इसकी संपत्ति और आर्थिक गतिविधियों को देखकर देश के बड़े-बड़े बैंक जैसे SBI, HDFC, ICICI, PNB ने यहां शाखाएं खोल दी हैं. आज यहां कुल 17 बैंक काम कर रहे हैं, जो अपने आप में एक गांव के लिए बहुत बड़ी बात है.
माधापुर के लोग भले ही दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में रहते हों, लेकिन उनका दिल आज भी अपने गांव के साथ जुड़ा है. वे चाहते हैं कि गांव के लोग और वहां का अगला पीढ़ी एक बेहतर और सुविधाजनक जीवन जिए. माधापुर इस बात की मिसाल है कि अगर लोग चाहें, तो गांव को भी शहरों जैसा बनाया जा सकता है. यह गांव केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे एशिया के लिए गर्व का विषय है.