Potato Origin: आपने यह तो सुना होगा कि टोमैटो यानी टमाटर-पोटैटो यानी आलू एक ही पौधे की फैमिली है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक चौंकाने वाली खोज की है जिसके बारे में सुनकर आप भी दंग हो जाएंगे. नए रिसर्च के मुताबिक, अक्सर सब्जियों का किंग कहा जाने वाला आलू टमाटर से ही पैदा हुआ है. एक जेनेटिक स्टडी से पता चलता है कि टमाटर इस दुनिया में सबसे पहले आया वो भी लगभग 9 मिलियन साल पहले साउथ अमेरिका में. जंगली टमाटर और एक आलू जैसे पौधे के नैचुलर हाइब्रिडिजेशन की वजह से नए पौधे का जन्म हुआ जिसे आज हम आलू के नाम से जानते हैं.
कब और कैसे हुआ यह बदलाव?
करीब 90 लाख साल पहले दक्षिण अमेरिका में, एक जंगली टमाटर और एक आलू जैसे पौधे के बीच प्राकृतिक तरीके से मिलन हुआ. इस मिलन से एक नया पौधा विकसित हुआ, जिसे हम आज ‘आलू’ के नाम से जानते हैं. यह स्टडी मशहूर साइंस जर्नल Cell में प्रकाशित हुआ है और इसमें 450 से अधिक आलू की किस्मों और 56 जंगली प्रजातियों की जीनोम जांच की गई है.
कौन-कौन से पौधे जुड़े इस प्रक्रिया में?
इस रिसर्च से पता चला कि हर आलू की किस्म में टमाटर और एक विशेष पौधे 'Etuberosum' का DNA मौजूद है. पहले माना जाता था कि आलू सीधे Etuberosum से आया है, लेकिन इस पौधे में ट्यूबर यानी जमीन के नीचे खाना स्टोर करने वाला हिस्सा नहीं होता था. टमाटर ने इसमें SP6A नामक जीन दिया जो ट्यूबर बनने का संकेत देता है, जबकि Etuberosum ने IT1 जीन दिया जो ट्यूबर के विकास को नियंत्रित करता है.
प्रकृति के इस करिश्मे के पीछे क्या था माहौल?
यह अनोखा संयोजन उस समय हुआ जब धरती पर भारी बदलाव आ रहे थे, खासकर एंडीज पर्वत का निर्माण हो रहा था. इस नए पौधे ने इन कठिन हालातों में खुद को ढाल लिया. अपने ट्यूबर में भोजन संचित कर लेने की वजह से यह पौधा तेजी से फैला और गर्म मैदानों से लेकर बर्फीली घाटियों तक पहुंच गया.
क्या आलू बीज के बिना भी उग सकता है?
आलू की एक खास बात ये है कि यह बीज या पराग के बिना भी उग सकता है. सिर्फ एक ट्यूबर से नया पौधा विकसित हो जाता है. इस तरह यह कीट, मौसम और जलवायु पर निर्भर नहीं रहता, जिससे यह दुनिया की सबसे टिकाऊ फसल बन गया है.
आज का आलू क्यों है इंसान का भरोसेमंद साथी?
आज आलू सिर्फ एक सब्जी नहीं, बल्कि मानवता का भरोसेमंद आहार स्रोत है. इसमें कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, पोटैशियम और मैग्नीशियम भरपूर होता है. ये कम पानी में उगता है, ज्यादा जगह नहीं घेरता और दूसरे फसलों के मुकाबले कम ग्रीनहाउस गैस छोड़ता है.