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जब सब डॉक्टर हार मान गए, तो देश छोड़कर गई ये महिला… नए देश में जो खाया, उसने बदल दी जिंदगी की कहानी!

Viral News: हर कोई अपने देश से प्यार करता है, लेकिन जब जिंदगी खतरे में हो तो कई बार अपने सपनों और रिश्तों को पीछे छोड़कर जाना ही पड़ता है. अमेरिका की रहने वाली बी (Bee) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.

 
जब सब डॉक्टर हार मान गए, तो देश छोड़कर गई ये महिला… नए देश में जो खाया, उसने बदल दी जिंदगी की कहानी!
Alkesh Kushwaha|Updated: Aug 07, 2025, 02:31 PM IST
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Shocking News: हर कोई अपने देश से प्यार करता है, लेकिन जब जिंदगी खतरे में हो तो कई बार अपने सपनों और रिश्तों को पीछे छोड़कर जाना ही पड़ता है. अमेरिका की रहने वाली बी (Bee) के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. उन्हें ऐसी रहस्यमयी बीमारी ने जकड़ लिया, जिसे वहां के डॉक्टर और खानपान सिस्टम भी ठीक नहीं कर पाए. तीन साल तक बी ने अजीब-अजीब एलर्जी और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया.

बी को किस तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही थीं?

बी को रोजमर्रा के खाने से ही एलर्जी होने लगी थी. चीज, गेहूं की ब्रेड और यहां तक कि ताजी सब्जियां भी उनके लिए जहर बन गई थीं. उनकी स्किन पर दर्दनाक रैशेज, सांस रुकने जैसी स्थिति, पेट की गंभीर दिक्कतें और थकावट जैसे लक्षण दिखाई देते थे. वो कहती हैं, “मेरा शरीर धीरे-धीरे काम करना बंद कर रहा था. मैं अमेरिका में सिर्फ तीन चीजें खा पा रही थी- ब्रोकली, नारियल और चिकन.”

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यूरोप जाकर क्या हुआ बी के साथ?

नवंबर 2024 में बी ने अमेरिका छोड़कर यूरोप में रहने का फैसला लिया. हैरानी की बात ये रही कि वहां पहुंचते ही उनकी सेहत में सुधार होने लगा. बी ने TikTok पर एक सीरीज शुरू की जिसमें वह पिज्जा, पास्ता और ब्रेडेड श्रिम्प जैसे खाद्य पदार्थ खाते हुए दिखीं – वो सब कुछ जो अमेरिका में उन्हें बीमार कर देता था. लेकिन यूरोप और एशिया में इन चीजों से उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई.

बी को क्या बीमारी थी?

कई मेडिकल टेस्ट के बाद पता चला कि बी को Mast Cell Activation Syndrome (MCAS) है. इस बीमारी में शरीर के इम्यून सेल्स जरूरत से ज्यादा केमिकल छोड़ते हैं, जिससे एलर्जी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं – जैसे खुजली, उल्टी, सूजन, ब्लड प्रेशर कम होना और भ्रम जैसी स्थिति.

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यूरोप और अमेरिका में फर्क क्या है?

बी मानती हैं कि अमेरिका में उनके लक्षण माइकोटॉक्सिन्स की वजह से हुए – ये ऐसे जहरीले पदार्थ होते हैं जो फूड स्टोरेज में खराबी या कमजोर फूड रेगुलेशन के कारण खाने में पैदा हो सकते हैं. वहीं, यूरोप और एशिया जैसे देशों में फूड क्वालिटी और टॉक्सिन कंट्रोल पर ज्यादा कड़ाई होती है, शायद इसी वजह से बी की हालत वहां बेहतर हो गई.

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