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हर महीने डेढ़ लाख कमाने वाला एम्प्लाई भी बेंगलुरू में कर रहा 'संघर्ष'! पोस्ट हुआ वायरल

Bengaluru Techie Viral Post: बेंगलुरु के एक टेक कर्मचारी ने इंडियन वर्कप्लेस सबरेडिट पर अपनी कहानी शेयर की, जिसमें उन्होंने अपनी आरामदायक जिंदगी के पीछे की कड़वी सच्चाई बताई. 1.5 लाख रुपये प्रति माह की अच्छी कमाई के बावजूद उन्होंने स्वीकार किया कि मेट्रो शहर में जीवन नाजुक लगता है और स्थिरता की कमी है.

 
हर महीने डेढ़ लाख कमाने वाला एम्प्लाई भी बेंगलुरू में कर रहा 'संघर्ष'! पोस्ट हुआ वायरल
Alkesh Kushwaha|Updated: Mar 19, 2025, 07:39 AM IST
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Techie Viral Post: आजकल, सिर्फ वही लोग नहीं जो हर महीने की सैलरी पर निर्भर हैं, बल्कि स्थिर सैलरी वाले लोग भी आर्थिक तंगी महसूस कर रहे हैं. बढ़ती महंगाई, पारिवारिक जिम्मेदारियां और अन्य आर्थिक दबावों के कारण लोगों को गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. हाल ही में, बेंगलुरु के एक टेक कर्मचारी ने इंडियन वर्कप्लेस सबरेडिट पर अपनी कहानी शेयर की, जिसमें उन्होंने अपनी आरामदायक जिंदगी के पीछे की कड़वी सच्चाई बताई.

1.5 लाख की सैलरी, फिर भी डर

1.5 लाख रुपये प्रति माह की अच्छी कमाई के बावजूद उन्होंने स्वीकार किया कि मेट्रो शहर में जीवन नाजुक लगता है और स्थिरता की कमी है. एक पोस्ट में, उन्होंने अपने डर को शेयर किया कि नौकरी खोने से उनकी बचत जल्दी खत्म हो जाएगी. उसने लिखा, "बेंगलुरु में जीवन इतना नाजुक क्यों लगता है? मैं 26 साल का हूं और बेंगलुरु में अपनी होने वाली पत्नी के साथ रहता हूं. मैं लगभग 1.5 लाख रुपये प्रति माह कमाता हूं और मेरे परिवार और मेरे होमटाउन में एक ईएमआई का ध्यान रखना है. मैं हर महीने कुछ पैसे बचाता हूं, मान लीजिए लगभग 30-40 हजार."

 

Why does life in a metro feels so fragile ?
byu/onepoint5zero inIndianWorkplace

 

बचपन के सपने और आज की हकीकत

अपने बचपन के सपनों को याद करते हुए उन्होंने बेंगलुरु में एक जीवंत जीवन की कल्पना की थी. अच्छी कमाई, एक प्यार भरा रिश्ता और शहर की ऊर्जा में डूबने की संभावना ने उनकी कल्पना को मोहित कर लिया था. हालांकि, अब जब वह उस वास्तविकता को जी रहे हैं, तो उन्होंने इसे फूलों के नाजुक बर्तन जितना अस्थिर बताया.

इतनी अच्छी आय होने के बावजूद अपने परिवार का समर्थन करने और लोन चुकाने के बाद उनके पास केवल 30,000-40,000 रुपये की मासिक बचत बचती है. अपने माता-पिता की उन पर निर्भरता के बोझ के साथ-साथ बेंगलुरु की बढ़ती महंगाई ने उनकी आकांक्षाओं को कम कर दिया है .

सोशल मीडिया पर चर्चा

पोस्ट पर एक यूजर ने लिखा, "आय धन नहीं है. यह एक दुखद एहसास है. केवल उन्हीं लोगों को सुरक्षित रहने को मिलता है जिनके पास पीढ़ियों से चली आ रही संपत्ति है. बाकी सभी को गर्मी का सामना करना पड़ता है." एक अन्य ने लिखा, "वयस्क जीवन में आपका स्वागत है. लगातार चिंता और पैसे की चिंता सामान्य है." एक तीसरे ने कहा, "मैं आपको समझता हूं. देखें कि क्या आप आय के अन्य स्रोत प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि आपकी पत्नी नौकरी कर सकती है या आप कोई अन्य व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, आदि. मुझे पता है कि ये चीजें मुश्किल हो सकती हैं, लेकिन आज के समय में किसी को भी आय के एक स्रोत पर निर्भर नहीं रहना चाहिए."

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