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खाने के लिए तो कमा रहा हूं... लंच ब्रेक करने से मैनेजर ने रोका तो एम्प्लाई ने दिया ऐसा जवाब, फिर देखें क्या हुआ?

Indian Office Culture: एक कर्मचारी के लंच ब्रेक को रोकने और उसके साहसी जवाब की कहानी शेयर की गई थी. इस पोस्ट में बताया गया कि एक मिड-साइज कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति को उसके मैनेजर ने लंच ब्रेक पर जाने से पहले काम खत्म करने को कहा.

 
खाने के लिए तो कमा रहा हूं... लंच ब्रेक करने से मैनेजर ने रोका तो एम्प्लाई ने दिया ऐसा जवाब, फिर देखें क्या हुआ?
Alkesh Kushwaha|Updated: Jul 15, 2025, 10:40 AM IST
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Reddit Viral Post: रेडिट पर एक पोस्ट ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी. इसमें एक कर्मचारी के लंच ब्रेक को रोकने और उसके साहसी जवाब की कहानी शेयर की गई थी. इस पोस्ट में बताया गया कि एक मिड-साइज कंपनी में काम करने वाले एक व्यक्ति को उसके मैनेजर ने लंच ब्रेक पर जाने से पहले काम खत्म करने को कहा. वह कर्मचारी पहले से ही बहुत भूखा था और गुस्से में आकर उसने जवाब दिया, “खाने के लिए ही तो कमा रहा हूं और यहां आप मुझे खाना खाने से ही रोक रहे हो.” इसके बाद वह अपने शेड्यूल के अनुसार लंच ब्रेक पर चला गया.

मैनेजर का व्यवहार कैसा रहा इसके बाद?

इस घटना के बाद कर्मचारी का कहना है कि उसका मैनेजर उसे नजरअंदाज करने लगा. ये प्रतिक्रिया कई लोगों को परेशान करने वाली लगी, क्योंकि इससे ऑफिस के अंदर टॉक्सिक वर्क कल्चर और पावर ट्रिप्स की झलक मिलती है. इस पोस्ट पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने लिखा, “शायद उसे लगा हो कि उसने गलत किया, लेकिन उसकी ये एक बात बहुत से लोगों को बचा सकती है. अब वो मैनेजर दोबारा ऐसा कहने से पहले जरूर सोचेगा.”

 

Stopped from having lunch break
byu/ElectronicStrategy43 inIndianWorkplace

 

लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही सोशल मीडिया पर?

एक अन्य व्यक्ति ने अपनी कहानी शेयर की, “मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था. मैनेजर ने खाने के बीच में कॉल करके कहा कि पहले काम पूरा करो. मैं खाना छोड़कर टास्क पूरा करने गया और जब घर आया तो रो पड़ा. मेरी मां ने कहा – ‘बेटा खाने के लिए ही तो कमा रहे हो, और खाने ही नहीं दे रहे तो क्या फायदा?’ उसके बाद से मैंने भी स्मार्टली जवाब देना शुरू किया.” एक तीसरे व्यक्ति ने लिखा, “तुम्हारा दोस्त बहुत बहादुर है. मैं भी ऐसे हालात में था, लेकिन मैं जवाब नहीं दे पाया और आज भी पछताता हूं.” चौथे ने लिखा, “उसने सही किया, लेकिन मैनेजर ने जरूर दिल में बात रख ली होगी. ऐसे लोग सही मौका देखकर बदला लेना नहीं भूलते.”

क्या इससे ऑफिस कल्चर में बदलाव संभव है?

ऐसी घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि कई दफ्तरों में कर्मचारी के बुनियादी अधिकारों जैसे खाने-पीने, आराम करने का सम्मान नहीं किया जाता. हालांकि, ऐसे सीधे और सटीक जवाब इस टॉक्सिक कल्चर के खिलाफ एक छोटा लेकिन मजबूत कदम हो सकते हैं.

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