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पैसे दो, आर्मी की कैंटीन में जॉब दिलवा दूंगा... फर्जी STF अधिकारी बनकर ऐंठ रहा था पैसे, Video हुआ वायरल

Job In Army Canteen Fraud: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आगरा में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय सेना का जवान बनकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था. चलिए जानते हैं कि आखिर कैसा फ्रॉड हुआ?

 
पैसे दो, आर्मी की कैंटीन में जॉब दिलवा दूंगा... फर्जी STF अधिकारी बनकर ऐंठ रहा था पैसे, Video हुआ वायरल
Alkesh Kushwaha|Updated: Nov 13, 2024, 10:08 AM IST
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Fake STF Officer: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आगरा में एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय सेना का जवान बनकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था. आरोपी विक्रम सिंह लोगों से सेना के लाभ दिलाने का झांसा देकर भी पैसे ऐंठता था. एसटीएफ को मिली गुप्त सूचना के बाद उसकी गिरफ्तारी हुई. खबरों के मुताबिक, मथुरा का रहने वाला विक्रम सिंह फर्जी आईडी कार्ड का इस्तेमाल कर सेना के प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुस जाता था. वह सेना में नौकरी दिलाने और सेना की कैंटीन में काम दिलाने का झांसा देकर कई लोगों को अपना शिकार बना चुका था.

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विक्रम सिंह के अपराध कबूल करने का वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर विक्रम सिंह के अपराध कबूल करने का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि एक अधिकारी विक्रम सिंह को बाइक रोकने का इशारा करता है. एक शख्स वीडियो बना रहा है, जबकि दूसरा शख्स विक्रम सिंह के बैग की तलाशी ले रहा है, जिसमें सेना की वर्दी और जूते मिले हैं. तलाशी के दौरान उसके जेब से फर्जी आईडी कार्ड भी मिला. जब उससे आईडी कार्ड के बारे में पूछा गया, तो उसने बताया कि उसने इसे गूगल से डाउनलोड किया था और उसमें अपनी जानकारी भर दी थी.

देखें वीडियो-

 

 

एसटीएफ के अधिकारियों ने की पूछताछ

वीडियो में एक अधिकारी विक्रम सिंह से पूछते हैं कि क्या वह भारतीय सेना में है, जिस पर उसने मना कर दिया. वीडियो के अंत में इस जाल में फंसे एक शिकार ने बताया कि विक्रम सिंह ने खुद को कैंटीन इंचार्ज बताया था और नौकरी दिलाने के नाम पर उससे 5,100 रुपये ठग लिए थे. दो अन्य लोगों ने भी कबूल किया कि उन्होंने विक्रम सिंह को सेना की कैंटीन में नौकरी दिलाने के बदले पैसे दिए थे.

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आगरा के प्रभारी इंस्पेक्टर ने क्या दिया बयान?

ईटीवी भारत के मुताबिक, एसटीएफ की आगरा इकाई के प्रभारी इंस्पेक्टर यतेंद्र शर्मा ने कहा, "वह फर्जी मृतक आश्रित कार्ड और सेना कैंटीन कार्ड के लिए 20,000 रुपये तक लेता था." विक्रम सिंह के खिलाफ सदर पुलिस स्टेशन में जवान बनकर नौकरी के नाम पर ठगी करने का मामला दर्ज किया गया है. यह विक्रम सिंह का पहला अपराध नहीं है. वह पहले भी बलात्कार और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोपों में दो बार जेल जा चुका है.

एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया, "हम सेना की खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर जांच कर रहे हैं कि विक्रम सिंह को सेना और उसके कामकाज की इतनी जानकारी कैसे हुई. हम उन शिकारों के बारे में भी जानकारी जुटा रहे हैं, जिन्हें उसने अब तक ठगा है."

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