Teacher Fight In Mathura: एक प्राइमरी स्कूल में चौंकाने वाली घटना हुई. यहां एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक सहायक शिक्षिका के बीच जोरदार झगड़ा हो गया. यह पूरा मामला कैमरे में रिकॉर्ड हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस झगड़े से स्कूल के बच्चों में डर फैलना चाहिए था, लेकिन वीडियो में बच्चे अपनी शिक्षिका का साथ देते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पर हमला करते दिखे. बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए नियुक्त किया. वहीं, झगड़े में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को गंभीर चोटें आईं और उसे इलाज के लिए फरीदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एक-दूसरे के बाल खींचती नजर आ रही हैं. दोनों जमीन पर गिरकर एक-दूसरे को थप्पड़ और लात मार रही थीं. हैरानी की बात यह है कि स्कूल के छोटे बच्चे भी इस झगड़े में शामिल हो गए. वीडियो में बच्चे आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को लात मारते दिख रहे हैं, जबकि दोनों महिलाएं जमीन पर लड़ रही थीं.
— जन स्वदेश पिटारा (@pradipy81315327) March 27, 2025
झगड़े की वजह क्या थी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सहायक शिक्षिका का नाम प्रीति तिवारी है, जिनका हाल ही में जौनपुर से इस स्कूल में तबादला हुआ था. बुधवार (26 मार्च) को प्रीति तिवारी का आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चंद्रवती के साथ किसी बात पर विवाद हो गया. यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई. दोनों महिलाओं ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया. वीडियो में साफ दिख रहा है कि यह झगड़ा स्कूल के अंदर बच्चों के सामने हुआ. बच्चों का इस तरह झगड़े में शामिल होना सभी के लिए चौंकाने वाला था.
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किसने शुरू किया झगड़ा?
शुरुआती जांच में पता चला कि सहायक शिक्षिका प्रीति तिवारी ने पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता चंद्रवती पर हमला किया था. रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया कि प्रीति तिवारी का यह पहला विवाद नहीं है. पहले भी उनके खिलाफ ऐसी शिकायतें मिल चुकी हैं. झगड़ा इतना हिंसक हो गया कि चंद्रवती को गंभीर चोटें आईं। उनकी हालत नाजुक होने के कारण परिवार ने उन्हें फरीदाबाद के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने वीडियो देखते ही कार्रवाई शुरू कर दी. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैलाश शुक्ला को इस मामले की जांच सौंपी गई है. ब्लॉक विकास अधिकारी को दो दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगा.