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मुर्गी चुगती थी पड़ोसी के घर का दाना, तोड़ डाला पैर तो मालकिन पहुंच गई पुलिस स्टेशन; बोली- मुझे इंसाफ चाहिए...

Telangana News: एक बुजुर्ग महिला घायल मुर्गी को गोद में लेकर अपने दर्द को बयां करती नजर आ रही है। महिला की पालतू मुर्गी के दोनों पैर टूट चुके हैं और वह अपने पड़ोसी की इस क्रूरता के खिलाफ इंसाफ मांग रही है.

 
मुर्गी चुगती थी पड़ोसी के घर का दाना, तोड़ डाला पैर तो मालकिन पहुंच गई पुलिस स्टेशन; बोली- मुझे इंसाफ चाहिए...
Alkesh Kushwaha|Updated: Jul 11, 2025, 09:00 AM IST
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Fight Over Chicken In Telangana: तेलंगाना के नलगोंडा जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक पालतू मुर्गी को लेकर हुए विवाद ने पुलिस स्टेशन का रुख कर लिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला घायल मुर्गी को गोद में लेकर अपने दर्द को बयां करती नजर आ रही है. महिला की पालतू मुर्गी के दोनों पैर टूट चुके हैं और वह अपने पड़ोसी की इस क्रूरता के खिलाफ इंसाफ मांग रही है.

जानकारी के अनुसार, महिला का नाम गंगम्मा है और वह नलगोंडा के गोल्लागुदम गांव की रहने वाली हैं. वह अपनी पालतू मुर्गी से बेहद जुड़ी हुई हैं. गंगम्मा का आरोप है कि उनके पड़ोसी राकेश ने उनकी मुर्गी को डंडे से इतनी जोर से मारा कि उसके दोनों पैर टूट गए. मुर्गी को काफी गंभीर चोटें आईं और वह ठीक से चल भी नहीं पा रही है.

पड़ोसी ने मुर्गी के तोड़ डाले पैर तो

गंगम्मा ने बताया कि उनकी मुर्गी दिनभर इधर-उधर घूमती थी और शाम को वापस आ जाती थी. अक्सर वह पड़ोसी के भूसे के ढेर के पास जाकर वहां बिखरे अनाज के दाने चुगती थी. राकेश को यह बात पसंद नहीं आई और गुस्से में आकर उसने मुर्गी को डंडे से मार दिया.

इस घटना से गंगम्मा बेहद दुखी हैं और वह रोते-रोते नाकरकल पुलिस स्टेशन पहुंच गईं. उन्होंने पुलिस से मांग की कि उनके पड़ोसी राकेश के खिलाफ जानवरों के प्रति क्रूरता का केस दर्ज किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मुआवजा नहीं चाहिए, बस इंसाफ चाहिए और राकेश के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

पुलिस ने महिला को समझाया लेकिन

पुलिस ने गंगम्मा को समझाने की कोशिश की कि वह मुआवजा ले लें और मामला खत्म करें, लेकिन महिला ने मना कर दिया. इसके बाद पुलिस ने आश्वासन दिया कि वे गांव जाकर पंचायत के माध्यम से इस मामले को सुलझाएंगे और तब जाकर महिला पुलिस स्टेशन से घर लौट गई. यह मामला ना सिर्फ एक जानवर के प्रति इंसान की भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी-छोटी बातों को लेकर भी गहरा भावनात्मक असर हो सकता है. सोशल मीडिया पर लोग गंगम्मा की संवेदनाओं को समझते हुए उनकी तारीफ कर रहे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं.

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