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छींक-खांस रही थी लड़की, डॉक्टर ने एक्स-रे किया तो फेफड़े के अंदर मिली खतरनाक चीज

Russian Influencer: रूस की एक कंटेंट क्रिएटर एकातेरिना बदुलीना के लिए एक सर्दी-जुकाम का इलाज कराना एक हैरान कर देने वाला मोड़ ले आया. 34 साल की एकातेरिना बदुलीना लंबे समय से बुखार और ठंड के लक्षणों से पीड़ित थीं. जब उनकी स्थिति बिगड़ने लगी तो उन्होंने सोचा कि शायद उन्हें निमोनिया हो गया है.

 
छींक-खांस रही थी लड़की, डॉक्टर ने एक्स-रे किया तो फेफड़े के अंदर मिली खतरनाक चीज
Alkesh Kushwaha|Updated: Jan 01, 2025, 05:22 PM IST
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Metal Spring In Lungs: रूस की एक कंटेंट क्रिएटर एकातेरिना बदुलीना के लिए एक सर्दी-जुकाम का इलाज कराना एक हैरान कर देने वाला मोड़ ले आया. 34 साल की एकातेरिना बदुलीना लंबे समय से बुखार और ठंड के लक्षणों से पीड़ित थीं. जब उनकी स्थिति बिगड़ने लगी तो उन्होंने सोचा कि शायद उन्हें निमोनिया हो गया है. इसके बाद उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें एक्स-रे करवाने की सलाह दी. जब रिपोर्ट आई तो बदुलीना को बताया गया कि एक मेटल स्प्रिंग उनके फेफड़े में फंसी हुई है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है.

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चौंकाने वाला एक्स-रे रिपोर्ट और सीटी स्कैन

पहली एक्स-रे रिपोर्ट कुछ हद तक भ्रमित करने वाली थी, जिससे डॉक्टरों ने बदुलीना को सीटी स्कैन करवाने की सलाह दी. सीटी स्कैन में डॉक्टरों ने 5x16 मिमी का एक धातु की स्प्रिंग को फेफड़े में देखा. एकातेरिना ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, "यह पता चला कि तस्वीर में जो दिखा वह एक मेटल स्प्रिंग थी, जो मेरे फेफड़े में थी." इसके बावजूद बदुलीना को बुखार और ठंड के अलावा कोई अन्य असुविधा महसूस नहीं हो रही थी.

जब डॉक्टरों ने उन्हें इस वस्तु के बारे में बताया, तो वह चौंक गईं. उन्होंने बताया, "सभी जांचों के बाद उन्होंने कहा कि यह स्प्रिंग एक पुराने ऑपरेशन के दौरान मेरे शरीर में फंसी थी, जो अब रक्त प्रवाह के जरिए फेफड़े तक पहुंच गई थी." 

पुरानी बीमारी और ऑपरेशन का इतिहास

बदुलीना का मेडिकल इतिहास भी बहुत जटिल रहा है. 27 साल की उम्र में उन्हें थ्रोम्बोएम्बोलिज्म (रक्त के थक्के का फटना) हुआ था, जिसके बाद उनके पैर में 33 ट्यूब डाले गए थे. यह स्थिति तब होती है जब गहरे नसों में रक्त का थक्का बन जाता है और वह रक्त वाहिका को अवरुद्ध कर देता है. इस दौरान उनका एक भाग थक्का फटकर रक्त प्रवाह के जरिए फेफड़ों तक पहुंच सकता है. इसके इलाज के लिए उन्हें एक साल में 20 बार ऑपरेशन करवाना पड़ा था. बदुलीना ने याद किया, "चमत्कारी रूप से, मैं बच गई थी."

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हालांकि बदुलीना को शुरुआत में कोई और गंभीर समस्या नहीं हुई थी, लेकिन जब उन्होंने सुना कि वह धातु की स्प्रिंग फिर से उनकी बॉडी में मुड़ी और फेफड़ों में पहुंची, तो वह घबराई. उन्होंने कहा, "यह सुनकर कि यह स्प्रिंग मेरी बॉडी में फिर से मूव हुई, मुझे अपने विचारों और भावनाओं पर नियंत्रण रखना पड़ा. मुझे केवल आशावाद पर ध्यान केंद्रित करना था, डर और निराशा से नहीं."

बदुलीना ने यह भी कहा कि वह जानती थीं कि किसी भी समय किसी के साथ कुछ भी हो सकता है. उन्होंने लोगों को बताया कि थ्रोम्बोएम्बोलिज्म एक रोका जा सकने वाली स्थिति है, और इसके लिए विशेषज्ञ से समय पर परामर्श लेना जरूरी है ताकि गंभीर परिणामों से बचा जा सके.

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