Mental Well Being: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में खुशी को पहले रखना बहुत जरूरी है. चीन की एक महिला ने इसे साबित किया. पत्रकारिता में मास्टर डिग्री लेने वाली इस महिला ने बड़ी नौकरी छोड़कर यूनिवर्सिटी की कैंटीन में काम करना चुना. उसका नाम हुआंग है. उसने समाज की उम्मीदों से ज्यादा अपनी खुशी को तरजीह दी.
पत्रकारिता छोड़ कैंटीन चुनी
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, हुआंग ने 2022 में ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके बाद उसने बड़ी ऑनलाइन कंपनियों और सरकारी मीडिया संगठनों में इंटर्नशिप की. लेकिन उसे असली खुशी यूनिवर्सिटी की कैंटीन में काम करके मिली. वहां उसे मम हुआंग के नाम से जाना जाता है. हुआंग का कहना है कि यह काम उसे संतुष्टि देता है, जो उसे मीडिया की नौकरी में नहीं मिली.
कैंटीन में मेहनत भरा काम
हुआंग सुबह जल्दी उठती है और दिनभर खड़े रहकर काम करती है. उसका काम खाना परोसना, बड़े बर्तनों से सूप या दलिया निकालना और ढेर सारी सब्जियां काटना है. यह काम थकाने वाला है, लेकिन वह अब इसकी आदी हो गई है. उसने बताया, "शुरुआत में मिर्च काटते वक्त मेरे हाथ सूज गए थे. दर्द हुआ, पर अगले दिन ठीक हो गया. पहले थकान होती थी, लेकिन अब अच्छी नींद से सब ठीक हो जाता है."
कमाई कम, खुशी ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक, हुआंग कैंटीन में हर महीने 6,000 युआन (लगभग 69,000 रुपये) कमाती है. उसके सहपाठी 20,000 युआन (लगभग 2.3 लाख रुपये) कमाते हैं. फिर भी वह खुश है. उसने कहा, "मेरे दोस्त ज्यादा कमाते हैं, पर मुझे फर्क नहीं पड़ता. कैंटीन का काम मेरी पसंद है, क्योंकि यह मुझे खुशी देता है." वह भविष्य में कैंटीन की मैनेजर बनना चाहती है.
हुआंग के परिवार को उसका फैसला पसंद नहीं आया. उसके घरवाले बस ड्राइवर हैं. उन्हें इस काम की मेहनत और कम तनख्वाह की चिंता है. सोशल मीडिया पर भी लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया आई. कुछ ने उसकी तारीफ की कि उसने अपनी खुशी को चुना. वहीं, कुछ ने सवाल उठाए कि मास्टर डिग्री लेकर कैंटीन में काम क्यों?