Harsh Goenka Post Viral: आजकल हर कोई यह सोच रहा है कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उनकी नौकरी छीन लेगा? लेकिन मशहूर बिजनेसमैन हर्ष गोयनका (Harsh Goenka) ने एक अलग ही नजरिया पेश किया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर लिखा, “AI काम को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उसे नए तरीके से गढ़ेगा.” उनका यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया है और इस पर तमाम प्रोफेशनल्स, स्टूडेंट्स और टेक एक्सपर्ट्स की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
AI से कौन-सी नई नौकरियां बनेंगी?
हर्ष गोयनका के मुताबिक AI से कामकाज की दुनिया में क्रांति आने वाली है. आने वाले समय में प्रॉम्प्ट इंजीनियर्स, एआई प्रोडक्ट मैनेजर्स, एआई एथिक्स स्पेशलिस्ट जैसी नई नौकरियों की मांग बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि भविष्य उन्हीं का होगा जो सीखने और बदलाव को अपनाने में सबसे तेज होंगे. यानी जो स्मार्ट और एडॉप्टेबल होंगे, वे नई दुनिया में जीतेंगे.
Everyone asks: “Will AI take my job? What new jobs is AI creating?” AI will disrupt work & reinvent it. There will be new jobs like Prompt engineers, AI product managers, AI ethics specialists & workplace landscape will change. New winners will be the smartest & most adaptable.
— Harsh Goenka (@hvgoenka) August 5, 2025
क्या लोगों की नौकरी जाएगी?
इस सवाल पर कई यूजर्स ने जवाब दिया कि AI आपकी नौकरी नहीं लेगा, लेकिन अगर आप AI को समझ नहीं पाए तो आप पीछे रह जाएंगे. एक यूजर ने कमेंट किया कि आज की कंपनियां जैसे Capgemini नए AI प्रोफाइल्स पर फ्रेशर्स को भी हायर कर रही हैं. एआई एथिक्स स्पेशलिस्ट जैसी प्रोफाइल अब इसलिए भी जरूरी हो गई हैं ताकि फेक और असली कंटेंट के बीच फर्क किया जा सके.
क्या AI से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा?
एक और यूज़र ने लिखा कि AI से हर सेक्टर में प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी, जिससे निवेश पर रिटर्न बेहतर होगा और आर्थिक विकास तेज़ होगा. इससे नई नौकरियों और स्वरोजगार के मौके बनेंगे. एक कमेंट में लिखा, “जो लोग AI का सही उपयोग करना सीख जाएंगे, वे ज्यादा सफल होंगे और जो इससे डरते रहेंगे, वे पीछे छूट जाएंगे.” यानी अब समय है खुद को AI के हिसाब से तैयार करने का.
क्या कॉलेज डिग्रियां भी बेकार हो जाएंगी?
हर्ष गोयनका के बयान के बाद अमेरिकी अरबपति विनोद खोसला की बात भी चर्चा में आ गई है. उन्होंने एक पॉडकास्ट में कहा कि AI ट्यूटर भविष्य में इंसानी शिक्षकों से बेहतर साबित हो सकते हैं. ये ट्यूटर पर्सनलाइज्ड और सस्ती शिक्षा देंगे, जिससे पारंपरिक कॉलेज डिग्रियां शायद जरूरी ही न रहें.