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जमीन में दिखी चमकती हुई चीज, जैसे ही शख्स ने खोदा तो मिला सदियों पुराना खजाना; इतनी है कीमत

Shocking News: विशेषज्ञ इस बात से हैरान हैं कि यह खजाना इस पर्वत पर कैसे दबा. नोवाक ने बताया कि कीमती सामान को जमीन में छिपाना जिसे 'डिपो' कहते हैं, प्राचीन काल से आम बात है. पहले लोग धार्मिक कारणों से ऐसा करते थे लेकिन बाद में संकट के समय अपनी चीजें छिपाने लगे.

 
जमीन में दिखी चमकती हुई चीज, जैसे ही शख्स ने खोदा तो मिला सदियों पुराना खजाना; इतनी है कीमत
Alkesh Kushwaha|Updated: May 06, 2025, 07:31 AM IST
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Hikers Discovered Hidden Treasure: बच्चों के लिए खजाने की खोज एक खेल होता है, लेकिन इस बार खेल हकीकत बन गया. चेक गणराज्य के पोडकर्कोनोशी पर्वतों में दो हाइकर्स को एक ऐसा खजाना मिला, जिसने सबको हैरान कर दिया. यह खजाना 7 किलोग्राम वजनी है और इसकी कीमत लगभग 2 करोड़ रुपये है. हाइकर्स ने सोने के सिक्के, गहने और अन्य कीमती सामान पाए जो सदियों पुराना है.

खजाने की खोज कैसे हुई

हाइकर्स पोडकर्कोनोशी पर्वतों में घूम रहे थे, तभी उन्हें जमीन से बाहर निकली एक एल्यूमिनियम कैन दिखी. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, कैन में 598 सोने के सिक्के थे जो काले कपड़े में लपेटकर 11 हिस्सों में बंटे थे. पास ही एक लोहे का बॉक्स मिला जिसमें 16 स्नफ बॉक्स, 10 कंगन, एक तार की थैली, एक कंघा, एक चेन और एक पाउडर कॉम्पैक्ट था. ये सारी चीजें पीले धातु की बनी थीं.

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पुरातत्वविद की हैरानी

पूर्वी बोहेमिया संग्रहालय के पुरातत्व प्रमुख मिरोस्लाव नोवाक ने डेली मेल को बताया, “मुझे सूचना मिली कि कोई कुछ लेकर आ रहा है. जब उसने बॉक्स खोला तो मैं दंग रह गया.” उन्होंने बताया कि सिक्के निश्चित रूप से सोने के हैं. बाकी सामान का विश्लेषण अभी बाकी है, लेकिन कीमती धातुओं की मौजूदा कीमत के हिसाब से खजाने की कीमत 75 लाख चेक क्राउन (लगभग 2 करोड़ रुपये) से शुरू होती है. हालांकि, इसका ऐतिहासिक मूल्य अनमोल है.

खजाने का रहस्य

विशेषज्ञ इस बात से हैरान हैं कि यह खजाना इस पर्वत पर कैसे दबा. नोवाक ने बताया कि कीमती सामान को जमीन में छिपाना जिसे 'डिपो' कहते हैं, प्राचीन काल से आम बात है. पहले लोग धार्मिक कारणों से ऐसा करते थे लेकिन बाद में संकट के समय अपनी चीजें छिपाने लगे. संग्रहालय निदेशक पेट्र ग्रुलिच ने कहा कि खजाने का मालिक कौन था यह पता लगाना मुश्किल है. यह 1938 में नाजी आक्रमण के बाद किसी चेक ने, 1945 के बाद किसी जर्मन ने या यह यहूदी सोना भी हो सकता है. कुछ का मानना है कि यह किसी प्राचीन दुकान से चुराया गया हो सकता है.

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सिक्कों का इतिहास

संग्रहालय के सिक्का विशेषज्ञ वोज्टेक ब्राडले ने बताया कि खजाना करीब 100 साल पहले छिपाया गया होगा. सिक्के 1808 से 1915 के बीच ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य में बने थे. कई सिक्कों पर 1930 के दशक में सर्ब्स, क्रोएट्स और स्लोवेन्स के राज में मुहर लगी थी. फिर भी यह खजाना पूर्वी बोहेमिया में कैसे पहुंचा, यह एक अनसुलझा रहस्य है.

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