IAS Officer Ram Prakash: यूपीएससी ने 28 अप्रैल को एनडीए-1 परीक्षा के परिणाम घोषित किए. इस बीच एक आईएएस अधिकारी राम प्रकाश ने सोशल मीडिया पर अपनी यूपीएससी सफर को याद किया. सात साल पहले 27 अप्रैल 2018 को उन्होंने यह परीक्षा पास की थी. अपनी पोस्ट में उन्होंने अपनी पत्नी का भी जिक्र किया, जिन्होंने भी यह कठिन परीक्षा पास की थी. लेकिन उनकी पोस्ट उनकी प्रेरणादायक कहानी की वजह से नहीं, बल्कि अंग्रेजी की गलतियों के कारण वायरल हो गई.
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आखिर पोस्ट में क्या थी गलती?
राम प्रकाश ने एक्स पर लिखा, “मैं 27 अप्रैल 2018 को रात 8 बजे आईएएस बना. ठीक 7 साल पहले मैंने कम से कम एक घंटे तक अपने परिवार को परिणाम नहीं बताया. वह एक खास एहसास था.” उनकी लाइन “I didn’t told anyone” ने लोगों का ध्यान खींचा. सोशल मीडिया यूजर्स ने तुरंत इस गलती को पकड़ा और बताया कि सही शब्द “I didn’t tell” है. राम प्रकाश ने जवाब दिया, “ठीक है, मेरी गलती.”
I know that English isn’t our primary language but if this is the level of IAS officers of our country, then I’ve zero hopes. pic.twitter.com/rYLqDkWz9Y
— Varun Uppal (@imvarunuppal) April 28, 2025
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लोगों ने दिए आखिर कैसे रिएक्शन?
एक यूजर ने राम प्रकाश की पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “अंग्रेजी हमारी मुख्य भाषा नहीं है, लेकिन अगर हमारे देश के आईएएस अधिकारियों का यह स्तर है, तो मुझे कोई उम्मीद नहीं है.” इस पोस्ट को 8 लाख से ज्यादा व्यूज मिले. कुछ लोग राम प्रकाश की गलती की आलोचना करने लगे, जबकि कुछ ने उनका बचाव किया. एक यूजर ने सपोर्ट में लिखा, “वह आईएएस अधिकारी हैं, अंग्रेजी टीचर नहीं. हमारे प्रधानमंत्री भी अंग्रेजी में उतने अच्छे नहीं हैं. अंग्रेजी को मजाक क्यों बनाया जा रहा है?” एक अन्य ने कहा, “अंग्रेजी कब से किसी की काबिलियत का पैमाना बन गई? राम प्रकाश एक शानदार अधिकारी और धावक हैं. उनसे मैराथन में मुकाबला करके देखो, वे जीत जाएंगे.”
कैसे शुरु हुई अंग्रेजी पर बहस
इस पोस्ट ने भारत में अंग्रेजी की भूमिका और शिक्षा में इसके महत्व पर चर्चा शुरू कर दी. एक यूजर ने कहा, “बात समझ में आए, यह काफी है. कई आईएएस अधिकारियों ने अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की और परीक्षा दी.” एक अन्य ने लिखा, “शानदार अंग्रेजी बोलने वाले लोग भी बुरे हो सकते हैं. अंग्रेजी को किसी की काबिलियत का पैमाना नहीं बनाना चाहिए. हां, सार्वजनिक मंच पर ऐसी गलतियां अच्छी नहीं लगतीं, लेकिन क्या इसके लिए इतनी आलोचना ठीक है?”