Bank Fraud: राजस्थान के कोटा शहर में स्थित ICICI बैंक की एक ब्रांच से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक बैंक कर्मचारी जो खुद ग्राहकों की फाइनेंशियल मदद करने की जिम्मेदारी में था उसने ही लगभग ₹4.58 करोड़ की ठगी कर डाली. आरोपी का नाम साक्षी गुप्ता है जो बैंक में रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर काम कर रही थी.
कैसे हुआ फ्रॉड का खुलासा?
यह मामला तब सामने आया जब 18 फरवरी को ICICI बैंक की DCM ब्रांच के ब्रांच मैनेजर ने उद्योग नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई. जांच में सामने आया कि साक्षी ने करीब ढाई साल में 110 से ज्यादा फिक्स्ड डिपॉजिट खातों से पैसे निकाले, जिनमें 41 ग्राहकों के खाते शामिल थे. साक्षी ने उन ग्राहकों को टारगेट किया जो शाखा में कम आते थे – जैसे वरिष्ठ नागरिक या ग्रामीण इलाकों के लोग. उसने ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदल दिए ताकि OTP और SMS अलर्ट उसके या उसके रिश्तेदारों के नंबर पर जाएं. इस तरह ग्राहकों को भनक भी नहीं लगी और लाखों रुपये उनके खातों से निकलते गए.
पैसे का क्या किया गया?
साक्षी ने ये सारा पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश कर दिया, ये सोचकर कि वह रकम दोगुनी या तिगुनी हो जाएगी लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया. शेयर बाजार में उसे भारी नुकसान हुआ और रकम धीरे-धीरे डूबती चली गई. जब ग्राहक अपने एफडी का ब्यौरा लेने आए तो साक्षी जवाब देने से बचने लगी.
कैसे हुआ पर्दाफाश?
जब एक सतर्क ग्राहक ने खुद जाकर FD की जानकारी मांगी, तो साक्षी की सच्चाई सामने आने लगी. बैंक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने उसकी गतिविधियों की छानबीन की और साक्षी को उसी समय गिरफ्तार किया जब वह अपनी बहन की शादी की तैयारियों में व्यस्त थी.
ICICI बैंक ने अब तक कोई विस्तृत बयान जारी नहीं किया है लेकिन आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है. सूत्रों के अनुसार, बैंक प्रभावित ग्राहकों को मुआवजा देने पर विचार कर रहा है. वहीं, लोग अब बैंकिंग सिस्टम में सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर सवाल उठा रहे हैं- एक ही कर्मचारी इतनी बड़ी धोखाधड़ी कैसे कर सकता है और वह भी तीन साल तक?