Black Gold Reserves: ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने दुनिया का सबसे बड़ा लौह अयस्क भंडार खोज लिया है, जिसे 'काला सोना' भी कहा जाता है. यह विशाल खोज पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के हैमर्सले क्षेत्र में हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह भंडार न केवल अरबों डॉलर की कीमत का है, बल्कि भूवैज्ञानिक अनुसंधान को भी आगे बढ़ा सकता है. इस भंडार में लगभग 55 अरब मीट्रिक टन लौह अयस्क होने का अनुमान है, जिसकी कुल कीमत करीब 5.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 48.79 लाख करोड़ रुपये) है. इस खोज की जानकारी हाल ही में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) जर्नल में प्रकाशित हुई है.
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पृथ्वी की संपदा को समझने में बदलाव
यह खोज पृथ्वी के खनिज संसाधनों को समझने के तरीके को बदल रही है. यह पुराने वैज्ञानिक विश्वासों को चुनौती देती है कि इतने बड़े भंडार कैसे बनते हैं. पीएनएएस की रिपोर्ट के अनुसार, यह लौह अयस्क प्राचीन महाद्वीपों की गति से जुड़ा हुआ है. पहले माना जाता था कि ऐसे बड़े भंडार केवल पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने के दौरान ही बनते थे लेकिन अब यह खोज बताती है कि इनके बनने की प्रक्रिया अधिक जटिल और विविध है.
ग्लोबल बिजनेस पर इफेक्ट
हैमर्सले का यह भंडार अब दुनिया का सबसे बड़ा लौह अयस्क भंडार माना जा रहा है. यह खोज ऑस्ट्रेलिया को लौह अयस्क का प्रमुख वैश्विक निर्यातक बनाने में और मजबूती देगी. चीन और भारत जैसे तेजी से बढ़ते देशों में स्टील की मांग बढ़ रही है. इस खोज से वैश्विक स्टील उत्पादन, आपूर्ति श्रृंखला और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है.
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ऑस्ट्रेलिया का लौह अयस्क उद्योग
ऑस्ट्रेलिया में कई बड़े लौह अयस्क भंडार बैंडेड आयरन फॉर्मेशन (बीआईएफ) में पाए जाते हैं, जो प्रीकैंब्रियन युग से संबंधित हैं. ये भंडार सभी महाद्वीपों में मौजूद हैं, लेकिन पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया देश का सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक क्षेत्र है. 2021-22 तक यहां 45.2 अरब टन लौह अयस्क संसाधन होने का अनुमान था, जिसमें औसतन 53% लौह सामग्री थी. 1960 के दशक से शुरू हुआ लौह अयस्क निर्यात ऑस्ट्रेलिया का एक महत्वपूर्ण उद्योग बन चुका है. 2020 तक, यह 100 अरब अमेरिकी डॉलर के वार्षिक निर्यात मूल्य तक पहुंच गया जो देश का पहला ऐसा कमोडिटी बन गया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस खजाने के सामने भिखमंगा पाकिस्तान कुछ भी नहीं है. उसकी पूरी इकोनॉमी भारत के एक राज्य के सामने पिद्दी सी है. अगर पाकिस्तान को यह काला सोना मिल जाए तो वो कई देशों के आगे निकल जाएगा या फिर भारत की इकोनॉमी के करीब पहुंच सकता है.