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मैं अकेली महिला इंटर्न थी और... दिल्ली के तिहाड़ जेल में गई ट्रेनी साइकोलॉजिस्ट ने शेयर की कहानी

Internship in Tihar Jail: दिल्ली के तिहाड़ जेल में दो हफ्ते की इंटर्नशिप करने वाली एक ट्रेनी साइकोलॉजिस्ट की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस युवती का नाम दीया कहाली है. उन्होंने लिंक्डइन पर अपने अनुभव शेयर किए और बताया कि वह पुरुषों की इकाई में अकेली महिला इंटर्न थीं.

 
मैं अकेली महिला इंटर्न थी और... दिल्ली के तिहाड़ जेल में गई ट्रेनी साइकोलॉजिस्ट ने शेयर की कहानी
Alkesh Kushwaha|Updated: Apr 23, 2025, 06:52 AM IST
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Delhi Tihar Jail: दिल्ली के तिहाड़ जेल में दो हफ्ते की इंटर्नशिप करने वाली एक ट्रेनी साइकोलॉजिस्ट की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस युवती का नाम दीया कहाली है. उन्होंने लिंक्डइन पर अपने अनुभव शेयर किए और बताया कि वह पुरुषों की इकाई में अकेली महिला इंटर्न थीं. उनकी कहानी लोगों को प्रेरित कर रही है. दीया ने लिखा, "मैंने तिहाड़ जेल में दो हफ्ते बिताए, जो मेरे जीवन के सबसे तनावपूर्ण और सीख से भरे पल थे. मैं अकेली महिला इंटर्न थी, और मेरे साथ सिर्फ एक महिला गार्ड थी. यह अनुभव मेरे लिए बहुत नया था. जेल में मुझे कभी-कभी नजरअंदाज किया जाता, तो कभी सबकी नजरें मुझ पर रहतीं."

अंदर दीया ने आखिर क्या देखा?

दीया ने बताया कि इंटर्न्स को जेल में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए जाते. उन्हें खुद ही सवाल पूछकर और बार-बार पुष्टि करके काम करना पड़ता था. उन्होंने कहा, "मेरा काम था कैदियों से बातचीत करना, उनकी कहानियां समझना और हर हफ्ते रिपोर्ट तैयार करना. कई बार मुझे यह नहीं पता होता था कि क्या करना है. मुझे अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखना पड़ता था. अगर मुझे असहज लगता, तो मैं तुरंत गार्ड को बुलाती थी."

जेल के अंदर सीखने का मौका

दीया ने बताया कि उन्हें डॉक्टरों से मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ता था, जो उनकी पढ़ाई से भी आगे के होते थे. इसके लिए उन्होंने नीरज अहूजा की साइकियाट्री की किताब पढ़ी, जो उनके लिए बहुत मददगार थी. उन्होंने कहा, "कैदियों से बात करने के लिए हिंदी का अच्छा ज्ञान जरूरी है. अगर हिंदी नहीं आती, तो व्यक्तिगत उदाहरणों से बातचीत शुरू की जा सकती है. लेकिन अपनी निजी जानकारी कभी नहीं देनी चाहिए."

कैसे की कैदियों से बातचीत?

दीया ने बताया कि कैदी हमेशा खुलकर बात नहीं करते. कई बार वे चुप रहते हैं या शक करते हैं. कुछ कैदी दबदबा बनाने की कोशिश भी करते हैं. उन्होंने सलाह दी, "ऐसे में शांत और आत्मविश्वास से काम लें. कभी भी सतर्कता कम न करें." दीया ने पुलिस कर्मचारियों की तारीफ की. उन्होंने कहा, "पुलिस प्रमुखों से मुझे बहुत सहयोग मिला. उनके साथ खुलकर बात करने से बहुत मदद मिली. यह नेटवर्किंग का भी अच्छा मौका था."

इंटर्नशिप के लिए सलाह

दीया ने बताया कि तिहाड़ जेल का इंटर्नशिप प्रोग्राम नया है, इसलिए इसमें धैर्य और लचीलापन जरूरी है. उन्होंने सुझाव दिया, "इंटर्नशिप के लिए तिहाड़ के गेट नंबर 3 पर R.M.O. ऑफिस जाएं. वहां से दस्तावेजों की जानकारी मिलेगी. माहौल तनावपूर्ण हो सकता है, इसलिए तैयार रहें. शोध करना मुश्किल है, लेकिन सही अनुमति से यह संभव है."

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