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भगवान न करें किसी चोर का ऐसा हाल हो! पुलिस जीप की बोनट पर बैठाया, जूते की माला पहनाई और फिर

Human Rights Violation: एक चौंकाने वाली और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक कथित चोर को जूतों की माला पहनाकर पुलिस जीप की बोनट पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया गया. यह घटना तब सामने आई जब इस पूरी कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

 
भगवान न करें किसी चोर का ऐसा हाल हो! पुलिस जीप की बोनट पर बैठाया, जूते की माला पहनाई और फिर
Alkesh Kushwaha|Updated: Jun 25, 2025, 09:19 AM IST
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Jammu Viral Video: जम्मू में एक चौंकाने वाली और हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक कथित चोर को जूतों की माला पहनाकर पुलिस जीप की बोनट पर बैठाकर पूरे शहर में घुमाया गया. यह घटना तब सामने आई जब इस पूरी कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस विभाग सवालों के घेरे में आ गया है और अब मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

वीडियो में देखा गया कि आरोपी युवक को पुलिस ने आधे कपड़े उतारकर हथकड़ी लगाई और उसे जीप की बोनट पर बैठाकर शहर की सड़कों पर घुमाया गया. इस दौरान सड़क पर लोग तमाशा देख रहे थे और कई लोग पुलिस की इस कार्रवाई पर तालियां भी बजा रहे थे. यह घटना जम्मू के बख्शी नगर इलाके के पास हुई बताई जा रही है.

पुलिस के मुताबिक आरोपी कश्मीर का रहने वाला है और उसे नशे की हालत में पकड़ा गया. आरोपी पर आरोप है कि उसने एक अस्पताल के पास एक शख्स से 40 हजार रुपये चोरी किए थे, जो अपने मरीज के लिए दवाइयां खरीद रहा था. जब पीड़ित ने आरोपी को पहचानकर पकड़ा, तो उसने चाकू से हमला करने की कोशिश की और भागने लगा. पुलिस ने पीछा करके उसे पकड़ लिया.

स्थानीय युवकों ने भी आरोपी को पकड़ने में मदद की और बाद में उसके हाथ रस्सी से बांध दिए और जूतों की माला पहनाई. इसके बाद उसे पुलिस वाहन की बोनट पर बैठाकर पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिए उसकी गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए थाने ले जाया गया.

इस पूरी घटना की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना हो रही है. कई यूजर्स ने इसे मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और कानून के राज की हत्या बताया. एक यूजर ने लिखा, “यह न्याय नहीं, जंगल राज है. पुलिस कैसे किसी को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर सकती है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि हर नागरिक को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार है. फिर इस तरह की अमानवीय कार्रवाई कैसे जायज है?” जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) जोगिंदर सिंह ने इस घटना की निंदा की है और इसे अनुशासित बल के सदस्यों के लिए गैर-पेशेवर व्यवहार बताया है. उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं और SDPO सिटी नॉर्थ को सात दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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