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Knowledge News: जब पेशाब से साफ किए जाते थे दांत, नाई आकर करता था घिसाई; पढ़िए पुराने जमाने के किस्से

Knowledge News: दांतों को चमकाने का इतिहास बताता है कि हमें अपने दांतों की देखभाल के लिए आधुनिक और सुरक्षित तरीके अपनाने चाहिए. डेंटल क्लिनिक में नियमित सफाई और प्रोफेशनल व्हाइटनिंग से हम अपने दांतों को हेल्थ और चमकदार रख सकते हैं.

 
Knowledge News: जब पेशाब से साफ किए जाते थे दांत, नाई आकर करता था घिसाई; पढ़िए पुराने जमाने के किस्से
Alkesh Kushwaha|Updated: Apr 17, 2025, 11:02 AM IST
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History of Teeth Whitening: दांतों को चमकाने की कोशिशें हजारों सालों से चल रही हैं. पुराने समय में लोग अजीब और कभी-कभी गंदे तरीकों से दांत साफ करते थे. सफेद, चमकदार दांत हमेशा से अच्छी सेहत और अमीरी का प्रतीक माने गए हैं. आइए, दांतों को चमकाने के पुराने और आधुनिक तरीकों के बारे में आसान भाषा में जानते हैं.

पुराने समय में दांतों की सफाई

प्राचीन काल में लोग आज की तरह टूथब्रश और पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करते थे. शाइन डेंटल क्लिनिक यूके के मुताबिक, वे "च्यू स्टिक" यानी लकड़ी की टहनियों को चबाकर दांत साफ करते थे. हैरानी की बात है कि आज भी कई संस्कृतियों में लोग च्यू स्टिक का इस्तेमाल करते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के प्रोफेसर क्रिस्टीन डी वू का कहना है कि कुछ च्यू स्टिक बैक्टीरिया को मारने वाले तत्वों से बनी होती हैं, जो दांतों को सड़ने और मसूड़ों की बीमारी से बचाती हैं. कुछ स्टिक में फ्लोराइड भी होता है, जो दांतों को मजबूत करता है.

प्राचीन मिस्र का अनोखा तरीका

प्राचीन मिस्र के लोग दांत चमकाने में बहुत आगे थे. उन्होंने ज्वालामुखी पत्थर (प्यूमिस) को पीसकर उसमें वाइन सिरका मिलाया और टहनी से दांतों पर रगड़ा. यह मिश्रण दांतों के दाग हटाने में कारगर था, क्योंकि प्यूमिस रगड़ने में मदद करता था और सिरके की अम्लता दाग छुड़ाती थी.

रोमन लोगों का अजीब तरीका

पहली सदी में रोमन लोग दांत साफ करने के लिए जानवरों और इंसानों के मूत्र का इस्तेमाल करते थे. मूत्र में अमोनिया होता है, जो ब्लीचिंग और सफाई करता है. वे पुर्तगाल से मूत्र मंगवाते थे, जो इतना लोकप्रिय था कि उस पर टैक्स लगता था. यह सुनकर हैरानी होती है, है ना?

मध्य युग में दांत चमकाने का नुकसान

14वीं सदी में लोग अपने दांत नाइयों को दिखाते थे. नाइ दांतों को फाइल से रगड़कर और अम्लीय मिश्रण लगाकर चमकाते थे. इससे दांत तो सफेद हो जाते थे, लेकिन दांतों की मजबूत परत (इनैमल) खराब हो जाती थी, जिससे दांत जल्दी सड़ने लगते थे. कुछ लोग शहद, जला हुआ नमक, सिरका, कछुए का खून या कड़वे पौधे का इस्तेमाल भी करते थे. हैरानी की बात है कि प्राचीन लोगों के दांत बहुत हेल्दी थे. 2,000 साल पुराने कब्रिस्तान में मिले दांतों में सिर्फ एक प्रतिशत में ही सड़न थी. इसका कारण था उनका खानपान. वे ज्यादा मांस खाते थे और कार्बोहाइड्रेट कम. जब लोग खेती करने लगे और अनाज ज्यादा खाने लगे, तो मुंह में बैक्टीरिया बढ़े, जो दांतों को नुकसान पहुंचाते थे.

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