Knowledge News: केला एक ऐसा फल है, जो हर मौसम में मिलता है और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. यह सस्ता और हर किसी की पहुंच में होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिसे हम केले का पेड़ कहते हैं, वह असल में पेड़ नहीं है? आज हम आपको केले के पौधे से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे, जो शायद आपको पहले नहीं पता होंगे. वनस्पति विज्ञान में केले के पौधे को पेड़ की श्रेणी में नहीं रखा जाता. यह मेहंदी, तुलसी या पुदीने की तरह एक जड़ी-बूटी है. भले ही यह ऊंचा और बड़ा दिखता हो, लेकिन इसका तना नरम होता है. इसमें लकड़ी नहीं मिलती, जो पेड़ों की पहचान है.
पेड़ों में लिग्निन होता है, जिससे लकड़ी बनती है, लेकिन केले का पौधा मुलायम होता है. आप इसकी छाल को नाखूनों से भी खुरच सकते हैं. केले का पौधा अनोखा है. इसमें स्यूडोस्टेम होता है, जो गोल और पत्तों से ढका रहता है. यही स्यूडोस्टेम फूल और फल देता है. केले गुच्छों में लगते हैं, जो ग्रामीण इलाकों में आम दिखाई देते हैं. लेकिन शहरी लोग शायद ही इसकी बनावट पर ध्यान देते हों. यह पौधा झाड़ियों या पेड़ों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि इसमें तना नहीं, बल्कि मुलायम संरचना होती है.
कार्बन खींचने की खासियत
केले के पौधे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कार्बन डाइऑक्साइड खींचता है. जड़ी-बूटियों के दूसरे पौधों में यह क्षमता कम ही देखी जाती है. यह पौधा उम्र के साथ बढ़ता रहता है, जबकि ज्यादातर जड़ी-बूटियां एक-दो बार फल देने के बाद सूख जाती हैं. यही वजह है कि केले का पौधा पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है.
सेहत और प्रकृति का दोस्त
केला न सिर्फ सेहत के लिए अच्छा है, बल्कि इसका पौधा भी प्रकृति का दोस्त है. यह आसानी से उगता है और ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. चाहे गर्मी हो या सर्दी, केला हर मौसम में उपलब्ध रहता है. इसकी खेती से किसानों को भी फायदा होता है. केले का पौधा हमें यह सिखाता है कि दिखने में भले ही कुछ साधारण हो, उसमें कई खास बातें छिपी हो सकती हैं.