Knowledge News: हम सभी ने कभी न कभी सांप-सीढ़ी का खेल जरूर खेला है. जीत के एकदम करीब होते हैं और तभी नंबर 99 पर बैठा सांप हमें नीचे गिरा देता है – फिर से शुरुआत से शुरू! लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह खेल आया कहां से? ब्रिटिश म्यूजियम ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें इतिहासकार सुषमा जानसारी ने इस खेल की रोचक और गहरी भारतीय जड़ें उजागर की हैं. उन्होंने बताया कि सांप-सीढ़ी की शुरुआत प्राचीन भारत में हुई थी, जैसे कि शतरंज की. लेकिन फर्क ये है कि यह खेल मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा देने के लिए बनाया गया था.
मोक्षपट्टम: कर्म और धर्म का खेल
प्राचीन भारत में इस खेल को "मोक्षपट्टम" कहा जाता था. सुषमा एक प्राचीन गेम बोर्ड दिखाते हुए बताती हैं कि इसमें सांप, सीढ़ियां और देवताओं की आकृतियां बनी होती थीं. ये देवता खिलाड़ियों को धार्मिक और नैतिक शिक्षा देते थे. उन्होंने समझाया, “अगर आप सद्गुणों और अच्छे कर्मों का पालन करते हैं, तो आप सीढ़ियों से ऊपर देवताओं की ओर बढ़ते हैं. लेकिन अगर आप विकारों और बुरे कर्मों में फँसते हैं, तो साँपों के ज़रिए नीचे गिरते हैं – ईश्वर से दूर.”
अमेरिका में बदल गया नाम
सुषमा ने यह भी बताया कि अमेरिका में इस खेल को Chutes and Ladders कहा जाता है. वहां लोग साँप की बजाय फिसलन वाली स्लाइड (chute) से नीचे गिरते हैं. लेकिन बाकी दुनिया में, हम आज भी सांपों से ही गिरते हैं. वीडियो ने इंटरनेट पर लोगों को भावुक कर दिया. एक दर्शक ने लिखा, “वाह! हमारे पूर्वजों ने किस खूबसूरती से कर्म का सिद्धांत एक खेल के ज़रिए सिखाया.” एक अन्य ने कहा, “ये सिर्फ खेल नहीं, एक जीवन दर्शन है – बच्चों को धर्म, कर्म और मोक्ष की शिक्षा देने का माध्यम.” कई लोगों ने यह भी साझा किया कि उन्होंने यह खेल बचपन में खेला लेकिन कभी इसका गहरा अर्थ नहीं समझा.