Who Is QR Code Genius: आज क्यूआर कोड हर जगह दिखते हैं- रेस्टोरेंट मेन्यू स्कैन करने, डिजिटल पेमेंट करने, हवाई जहाज में चढ़ने या सामान की असलियत जांचने के लिए. ये छोटे काले-सफेद चौकोर कोड जानकारी हासिल करने और काम को तेज व आसान बनाने में मदद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं, इन्हें बनाने वाले मासाहिरो हारा की कहानी कितनी खास है?
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कौन हैं मासाहिरो हारा?
मासाहिरो हारा एक जापानी इंजीनियर हैं, जिन्होंने क्यूआर कोड का आविष्कार किया. उनका यह आविष्कार न केवल बिजनेस बल्कि पूरी दुनिया में लोगों के तकनीक इस्तेमाल करने के तरीके को बदल चुका है. मासाहिरो हारा का जन्म 1957 में टोक्यो में हुआ था. बचपन में उन्हें पहेलियां सुलझाने और चीजों के काम करने का तरीका समझने का शौक था. उन्होंने जापान की मशहूर टोक्यो यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस से पढ़ाई की और इंजीनियरिंग में अपनी काबिलियत बढ़ाई.
क्यूआर कोड का जन्म
मासाहिरो हारा ने डेन्सो कॉर्पोरेशन में काम शुरू किया, जो कार पार्ट्स बनाने वाली कंपनी है. वहां वे बारकोड स्कैनिंग सिस्टम पर काम करते थे ताकि कार बनाने की प्रक्रिया आसान हो. लेकिन पुराने बारकोड में समस्याएं थीं तो वे कम जानकारी रख पाते थे और स्कैन करने के लिए सही दिशा में होना जरूरी था. मासाहिरो हारा को लगा कि इससे बेहतर तरीका होना चाहिए. उन्हें प्रेरणा मिली जापानी बोर्ड गेम “गो” से, जिसमें काले-सफेद टुकड़ों को चौकोर ग्रिड पर रखा जाता है. इसने उन्हें दो-आयामी कोड बनाने का आइडिया दिया जिसे किसी भी दिशा से स्कैन किया जा सके. 1994 में अपनी टीम के साथ महीनों की मेहनत के बाद हारा ने क्यूआर कोड बनाया.
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क्यूआर कोड की खासियत
क्यूआर कोड पुराने बारकोड से बहुत अलग थे. ये ज्यादा जानकारी जैसे अक्षर और नंबर स्टोर कर सकते थे और इन्हें किसी भी कंडिशन में तेजी से स्कैन किया जा सकता था. पहले इनका इस्तेमाल कारखानों में कार पार्ट्स ट्रैक करने के लिए हुआ लेकिन जल्द ही इन्हें दुकानों, अस्पतालों, ट्रांसपोर्ट और मनोरंजन में भी इस्तेमाल होने लगा. डेन्सो वेव हारा की कंपनी, ने क्यूआर कोड को मुफ्त रखने का फैसला किया और इसका पेटेंट नहीं कराया। इससे दुनिया भर के डेवलपर्स और व्यवसायों ने इसे मुफ्त में इस्तेमाल किया और अपने तरीके से विकसित किया.
मासाहिरो हारा और उनकी टीम को इस आविष्कार से पैसा नहीं मिला, क्योंकि उनका मकसद बस इसे सभी के लिए उपयोगी बनाना था. आज क्यूआर कोड कैशलेस पेमेंट और नकली सामान रोकने जैसे नए कामों में भी इस्तेमाल हो रहे हैं.