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8064 किमी तैरकर छिपकली ने सफर किया पूरा, जमीनी जानवर की सबसे लंबी समुद्री यात्रा!

Shocking News: इगुआना आमतौर पर अमेरिका के गर्म, सब ट्रॉपिकल और रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि ये फिजी जैसे दूर-दराज के प्रशांत द्वीपों पर भी मिलते हैं. वैज्ञानिकों के बीच यह सवाल लंबे समय से चर्चा में है कि इगुआना इतने दूर कैसे पहुंचे.

 
8064 किमी तैरकर छिपकली ने सफर किया पूरा, जमीनी जानवर की सबसे लंबी समुद्री यात्रा!
Alkesh Kushwaha|Updated: Mar 24, 2025, 12:18 PM IST
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Iguana 5000 Mile Journey: इगुआना आमतौर पर अमेरिका के गर्म, सब ट्रॉपिकल और रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं. लेकिन हैरानी की बात है कि ये फिजी जैसे दूर-दराज के प्रशांत द्वीपों पर भी मिलते हैं. वैज्ञानिकों के बीच यह सवाल लंबे समय से चर्चा में है कि इगुआना इतने दूर कैसे पहुंचे. इस पर वैज्ञानिकों का नया जवाब सामने आया है. सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी के एक जीवविज्ञानी साइमन स्कारपेटा और उनकी टीम ने इस सवाल का जवाब ढूंढा है. उनकी स्टडी 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' में छपी. इसमें कहा गया कि इगुआना ने उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी तट से 5,000 मील (8046 किमी) की यात्रा की.

यह यात्रा पिछले 3.4 करोड़ साल में हुई होगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि इगुआना तैरते पेड़ों या पौधों पर सवार होकर प्रशांत महासागर पार करके फिजी पहुंचे. यह किसी भी जमीन पर रहने वाले जानवर की सबसे लंबी समुद्री यात्रा हो सकती है.

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कैसे हुई यह यात्रा?

टीम ने दुनिया भर के म्यूजियम से 200 से ज्यादा इगुआना के डीएनए की जांच की. पता चला कि फिजी के इगुआना (ब्रैकिलोफस) उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तानी इगुआना (डिप्सोसॉरस) से सबसे करीब हैं. इन दोनों के डीएनए 3 से 3.4 करोड़ साल पहले अलग हुए. उस समय फिजी के ज्वालामुखी द्वीप भी बने थे. इसका मतलब है कि इगुआना के पुरखे उस समय फिजी पहुंचे होंगे. स्कारपेटा ने गिजमोडो को बताया कि वे पेड़ों के ढेर पर तैरते हुए आए. इस यात्रा में ढाई से चार महीने लगे होंगे. तैरते पौधों से उन्हें खाना भी मिला होगा.

इगुआना की ताकत

स्कारपेटा कहते हैं कि इगुआना भूख और प्यास सहन कर सकते हैं. खासकर रेगिस्तानी इगुआना तो और मजबूत होते हैं. अगर कोई जानवर 8,000 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है, तो वह रेगिस्तानी इगुआना ही हो सकता है. पहले कुछ वैज्ञानिकों का मानना था कि इगुआना दक्षिण अमेरिका, एशिया या अंटार्कटिका से फिजी आए. लेकिन नई स्टडी कहती है कि उत्तरी अमेरिका से सीधे फिजी पहुंचना सबसे सही जवाब है. स्मिथसोनियन के वैज्ञानिक केविन डी क्विरोज ने भी इस नतीजे को सबसे मजबूत बताया.

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कुछ सवाल अब भी अनसुलझे हैं. क्या इगुआना ने रास्ते में दूसरे द्वीपों पर रुककर यात्रा की? स्कारपेटा कहते हैं कि यह जानना मुश्किल है. फिजी और टोंगा के अलावा प्रशांत महासागर में इगुआना के जीवाश्म नहीं मिले. न्यूजीलैंड के वैज्ञानिक हामिश स्पेंसर ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि यह स्टडी दिखाती है कि लंबी दूरी की यात्राएं जानवरों के इतिहास में बहुत अहम हैं. यह इगुआना की कहानी वैज्ञानिकों और लोगों को हैरान कर रही है.

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