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अब बिना दूल्हा-दुल्हन के हो रही हैं शादियां! मेट्रो सिटीज में चल रहा है ‘फेक वेडिंग’ ट्रेंड

Fake Wedding: भारत के बड़े शहरों में अब शादियों का रंग-रूप बदल रहा है. अब बिना किसी असली दूल्हा-दुल्हन के लोग शादी का पूरा मजा ले रहे हैं. इसे कहा जा रहा है ‘फेक वेडिंग ट्रेंड’ यानी नकली शादी, जहां असली विवाह नहीं होता लेकिन सब कुछ बिलकुल असली शादी जैसा लगता है.

 
अब बिना दूल्हा-दुल्हन के हो रही हैं शादियां! मेट्रो सिटीज में चल रहा है ‘फेक वेडिंग’ ट्रेंड
Alkesh Kushwaha|Updated: Jul 10, 2025, 08:28 AM IST
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Fake Wedding Trend: भारत के बड़े शहरों में अब शादियों का रंग-रूप बदल रहा है. अब बिना किसी असली दूल्हा-दुल्हन के लोग शादी का पूरा मजा ले रहे हैं. इसे कहा जा रहा है ‘फेक वेडिंग ट्रेंड’ यानी नकली शादी, जहां असली विवाह नहीं होता लेकिन सब कुछ बिलकुल असली शादी जैसा लगता है. इस ट्रेंड में लोग सुंदर पारंपरिक कपड़े पहनते हैं, ढोल-नगाड़ों पर नाचते हैं, स्वादिष्ट शादी वाला खाना खाते हैं और हल्दी-संगीत जैसे फंक्शन भी करते हैं. लेकिन इसमें दूल्हा-दुल्हन सिर्फ दिखावे के होते हैं और कोई भी असल शादी नहीं होती.

फर्जी शादी का वीडियो आया सामने

एक कंटेंट क्रिएटर ने इंस्टाग्राम पर एक ऐसा ही वीडियो शेयर किया और लिखा, “क्या आप इस शादी में आएंगे? ये सिर्फ ट्रेंड है या नया बिजनेस मॉडल बन सकता है?” वीडियो में दिखाया गया कि कैसे ये फेक वेडिंग असली शादी की तरह होती है. दूल्हे की बारात एंट्री, डांस परफॉर्मेंस, फूलों की बारिश, नकली वरमाला, और यहां तक कि एक एक्टिंग करने वाला पंडित भी. लोग पारंपरिक पोशाक में सज-धज कर आते हैं, इंस्टा-रील्स बनाते हैं और पूरी रात डांस करते हैं. शादी का सारा मजा, लेकिन बिना किसी रिश्ते या ज़िम्मेदारी के.

 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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कुछ जगहों पर ये फेक वेडिंग इवेंट टिकट लेकर आयोजित होते हैं, जबकि कई बार कॉलेज कैंपस या रूफटॉप बार्स में इन्हें बिना टिकट के भी किया जाता है. इस ट्रेंड का मकसद है शादी की खुशी को महसूस करना लेकिन बिना खर्च, तनाव और रिश्तेदारों के ड्रामे के. खासकर जेनरेशन Z को यह ट्रेंड खूब भा रहा है क्योंकि यह कम्युनिटी, क्रिएटिविटी और मस्ती से जुड़ा है.

सोशल मीडिया पर मिला मिला-जुला रिस्पॉन्स

इस ट्रेंड को लेकर लोगों की राय बंटी हुई है. एक यूजर ने कहा, “जैसे बाकी ट्रेंड्स होते हैं, ये भी थोड़े वक्त बाद खत्म हो जाएगा.” दूसरे ने सवाल किया, “इसका मतलब ही क्या है?” तीसरे ने कहा, “ये हमारी परंपराओं का मज़ाक उड़ाना है.” कई यूजर्स ने नाराज़गी भी जताई. किसी ने लिखा, “पागलपन है ये... मैं कभी नहीं जाऊंगा.” एक और यूजर ने कहा, “क्या आज के समय में कुछ भी असली रह गया है?” एक सोचने पर मजबूर करने वाला कमेंट था, “ये लोग बस पल भर की खुशी खोज रहे हैं, असल सुकून अब कहीं नहीं मिलता. ये दौर भी चला जाएगा.”

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