Sex Work In Bangladesh: सेक्स वर्क दुनिया का सबसे पुराना धंधा माना जाता है. इसमें लोग पैसे के बदले शारीरिक संबंध बनाते हैं. ज्यादातर लोग इसे गलत और बुरा मानते हैं. इसमें शामिल लोगों को शारीरिक शोषण का सामना करना पड़ता है और कई बार मजबूरी में काम करना पड़ता है. लेकिन बांग्लादेश जैसे देश ने इसे कानूनी बना दिया है. दुनिया के करीब 49 देशों में सेक्स वर्क कानूनी है. भारत में यह गैरकानूनी है, लेकिन पड़ोसी देश बांग्लादेश में यह सरकार के नियमों के साथ वैध है.
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वहां सेक्स वर्क करने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है. साथ ही, एक कागज देना होता है जिसमें लिखा हो कि वे अपनी मर्जी से यह काम कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास नौकरी का कोई और रास्ता नहीं है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश में लगभग 2 लाख महिलाएं सेक्स वर्क करती हैं. दौलतदिया वहां का सबसे बड़ा इलाका है, जहां करीब 1,300 महिलाएं इस धंधे में हैं. हालांकि यह कानूनी है, फिर भी बांग्लादेश के संविधान में जुआ और देह व्यापार रोकने की बात है. बच्चों का देह व्यापार, जबरदस्ती और बिना लाइसेंस के यह काम करना गैरकानूनी है.
मजबूरी और धोखा
बांग्लादेश में सेक्स वर्क 2000 से कानूनी है, लेकिन जबरदस्ती इसमें डालने की समस्या अभी भी है. कई गरीब माता-पिता अपनी बेटियों को कुछ हजार रुपये में बेच देते हैं. कुछ लड़कियों को शादी का झूठा वादा करके धोखे से इसमें डाला जाता है. करीब 29,000 नाबालिग लड़कियां इस दलदल में फंसी हैं.
बांग्लादेश के अलावा कई देशों में सेक्स वर्क को मान्यता है. ऑस्ट्रिया में यह कानूनी है और सरकार महिलाओं की सेहत का ध्यान रखती है. वहां 19 साल से कम उम्र की लड़कियों को यह काम करने की इजाजत नहीं है और उन्हें टैक्स देना पड़ता है. ऑस्ट्रेलिया में कुछ राज्य इसे मानते हैं, कुछ नहीं. बेल्जियम में सेक्स वर्क को कला माना जाता है और इसके लिए लाइसेंस मिलता है. न्यूजीलैंड में 2003 से यह कानूनी है और वहां सेक्स वर्कर्स को दूसरी नौकरियों की तरह सुविधाएं मिलती हैं.
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मशहूर रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट
नीदरलैंड का एम्स्टर्डम का रेड लाइट डिस्ट्रिक्ट दुनिया भर में मशहूर है. इसे 'दे वाल्लेन' कहते हैं. वहां सेक्स वर्क को खुलेआम मान्यता है और इसकी सुरक्षा की जाती है. लोग इसे उत्सुकता और विवाद दोनों नजरों से देखते हैं. जर्मनी ने 1927 से सेक्स वर्क को कानूनी अधिकार दिए. वहां सेक्स वर्कर्स को हेल्थ केयर, बीमा और पेंशन मिलती है. उन्हें अपनी कमाई का टैक्स भी देना पड़ता है. यह दुनिया का पहला देश था जिसने सेक्स वर्क को ऐसा सम्मान दिया.