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ये पाताल का गेट है क्या? बर्फ की पहाड़ी पर दिखा सीक्रेट दरवाजा, वायरल फोटो पर छिड़ी बहस

Google Maps: इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार बहस शुरू हो गई. यूजर्स के बीच इस बात को लेकर चर्चा होने लगी कि अंटार्कटिका के पहाड़ों में इस तरह की आकृति सच में हो सकती है या नहीं.

ये पाताल का गेट है क्या? बर्फ की पहाड़ी पर दिखा सीक्रेट दरवाजा, वायरल फोटो पर छिड़ी बहस
Gaurav Pandey|Updated: Oct 19, 2024, 08:07 PM IST
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Antarctica mysterious door: सोशल मीडिया पर एक यूजर की पोस्ट ने गूगल मैप्स के जरिए तहलका मचा दिया. उस यूजर ने अंटार्कटिका में एक विशाल दरवाजे जैसी आकृति की फोटो शेयर की और पूछा कि ये दरवाजा कहां का है. इसके बाद से लोगों के बीच इसको लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. यह रहस्यमयी आकृति पूर्वी अंटार्कटिका में एक जापानी रिसर्च सेंटर के दक्षिण-पूर्व में दिखाई दी.

वाकई अंटार्कटिका में कोई दरवाजा?

दरअसल, इस पोस्ट को रेडिट पर शेयर किया गया था, जिसमें यूजर ने अंटार्कटिका की दो तस्वीरें साझा करते हुए दावा किया कि वहां एक दरवाजा मौजूद है. कुछ अन्य यूजर्स ने भी इसे क्रॉस चेक किया और अपनी राय दी. इस तस्वीर के साथ यूजर ने लोकेशन की जानकारी भी दी, जिससे ये सवाल उठने लगे कि क्या वाकई अंटार्कटिका में कोई दरवाजा है. तस्वीरें 20 मार्च 2024 की बताई गई हैं.

यूजर्स के बीच इस बात को लेकर चर्चा

इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार बहस शुरू हो गई. यूजर्स के बीच इस बात को लेकर चर्चा होने लगी कि अंटार्कटिका के पहाड़ों में इस तरह की आकृति सच में हो सकती है या नहीं. कुछ लोगों ने इसे रहस्यमयी दरवाजे के रूप में देखा, तो कुछ ने इसे एक प्राकृतिक घटना माना. एक यूजर ने लिख दिया कि ये शायद पाताल का गेट तो नहीं है.

बर्फ के नीचे दबी हुई?

एक विशेषज्ञ ने कहा कि यह एक चट्टानी रिज का उभार हो सकता है जो बर्फ के नीचे दबी हुई है. इस रिज के कारण दरवाजे जैसी आकृति बन गई है. वहीं, दूसरे विशेषज्ञ का मानना है कि यह केवल एक पिघलता हुआ ग्लेशियर है, जो बर्फ के बहने के कारण ऐसा दिख रहा है.

अंटार्कटिका: बर्फ से ढका एक महाद्वीप

बता दें कि अंटार्कटिका धरती का सबसे दक्षिणी महाद्वीप, बर्फ से ढका हुआ एक विशाल क्षेत्र है जो अपने अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र और कठोर जलवायु के लिए जाना जाता है. यह महाद्वीप लगभग 14 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और यहां तापमान अक्सर -60 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे चला जाता है. अंटार्कटिका में केवल कुछ रिसर्च सेंटर हैं, जहां वैज्ञानिक बर्फ, जलवायु परिवर्तन और समुद्री जीवन पर अध्ययन करते हैं. 

यहां की बर्फीली सतह का बड़ा हिस्सा ग्लेशियरों से बना है, जो समुद्र स्तर में वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है. अंटार्कटिका न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक जलवायु प्रणाली का भी हिस्सा है.

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