Afghanistan Story: अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है. वहां लड़कियों को छठी कक्षा से आगे पढ़ने की इजाजत नहीं है. वहां एक छोटी लड़की ने दिल दहला देने वाला बयान दिया. उसने कहा कि वह अपनी कक्षा में फेल होना चाहती है, ताकि वह स्कूल में रह सके. उसके ये शब्द उन लाखों अफगान लड़कियों की दुखद सच्चाई को दिखाते हैं, जिन्हें शिक्षा और भविष्य से वंचित रखा जा रहा है.
लड़की के इस बयान को एक्स (पहले ट्विटर) पर कई लोगों ने समर्थन दिया. एक यूजर ने लिखा, “यह लड़की बहुत समझदार और हिम्मत वाली है.मुझे उसका आत्मविश्वास पसंद है. काश, स्कूल उनके लिए खुले होते तो आज उसे स्कूल बंद होने की शिकायत न करनी पड़ती.” एक अन्य ने उस लड़की की प्रेजेंस ऑफ माइंड की तारीफ की और कहा, “वह पहले से ही तालिबान से ज्यादा होशियार है.”
तालिबान के सख्त नियम
अगस्त 2021 में तालिबान ने फिर से सत्ता हासिल की.इसके बाद से उन्होंने कई नियम बनाए, जिन्होंने महिलाओं और लड़कियों को समाज से बाहर कर दिया. संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट बताती है कि ये नियम महिलाओं की आजादी और अधिकारों पर हमला हैं. अफगानिस्तान में UN की प्रतिनिधि एलिसन डेविडियन ने कहा, “तीन साल पहले दुनिया ने एक ऐसा बदलाव देखा, जिसमें हर पल डरावनी खबरें आ रही थीं. तीन साल बाद भले ही दुनिया का ध्यान कहीं और चला गया हो, लेकिन अफगान महिलाओं और लड़कियों के लिए मुश्किलें कम नहीं हुईं.”
This little girl from Afghanistan says she wanted to fail her class just to stay in school, because the Taliban ban girls from studying beyond sixth grade. This is what they’ve done to a nation of 40 million, to its daughters, and its future. pic.twitter.com/PAKkP9qnXn
— Habib Khan (@HabibKhanT) March 26, 2025
शिक्षा और काम पर पाबंदी
तालिबान ने लड़कियों को छठी कक्षा से आगे पढ़ने से रोक दिया है. महिलाओं को गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) में काम करने और नेतृत्व की भूमिकाओं से भी हटा दिया गया है। अगर महिलाएं तालिबान के ढांचे में काम करती हैं, तो उनका काम सिर्फ दूसरी महिलाओं पर सख्त नियम लागू करना होता है. UN के सर्वे में 98 प्रतिशत अफगान महिलाओं ने कहा कि उनके पास अपने समुदाय या घर में फैसले लेने का कोई अधिकार नहीं है. पिछले एक साल में घरेलू फैसलों में उनकी हिस्सेदारी 60 प्रतिशत तक कम हो गई है. शिक्षा और काम की कमी से मानसिक स्वास्थ्य संकट बढ़ रहा है. 68 प्रतिशत महिलाओं ने गंभीर मानसिक तनाव की बात कही. 8 प्रतिशत ने बताया कि वे ऐसी महिला या लड़की को जानती हैं, जिसने आत्महत्या की कोशिश की.
भविष्य की चिंता
इन सख्त नियमों का असर लंबे समय तक रहेगा. 2026 तक 11 लाख लड़कियों के स्कूल और 1 लाख महिलाओं के विश्वविद्यालय छूटने से कम उम्र में मां बनने की दर 45 प्रतिशत बढ़ सकती है. मातृ मृत्यु दर में भी 50 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है. एलिसन डेविडियन ने कहा, “दुनिया देख रही है. अगर हम अफगान महिलाओं को अकेले लड़ने देंगे, तो हम महिलाओं के अधिकारों के लिए कहीं भी लड़ने का हक खो देंगे. उनका भविष्य सभी महिलाओं के भविष्य को तय करेगा.”