Jail Theme Cafe Sohra: क्या आपने कभी सोचा है कि जेल के अंदर बैठकर खाना कैसा लगेगा? अगर हां, तो अब यह अनुभव आप असली में ले सकते हैं. मेघालय के सोहरा (चेरापूंजी) में एक नया कैफे खुला है जो पहले एक असली पुलिस स्टेशन था. इस बिल्डिंग का निर्माण 1885 में हुआ था और यह राज्य का सबसे पुराना पुलिस थाना माना जाता है. अंग्रेजों के जमाने में इसे "डरावना डिटेंशन सेंटर" कहा जाता था. अब इसे बदलकर एक अनोखा कैफे बना दिया गया है, जिसका नाम है "Sohra 1885".
पुलिस की पहल, विरासत को नया रूप
इस अनोखी पहल की शुरुआत मेघालय पुलिस ने की है. इसका आइडिया विवेक सिएम, जो अब ईस्ट खासी हिल्स के एसपी हैं, ने दिया था. जब वे इस क्षेत्र में डिप्टी एसपी थे, तब उन्होंने इस ऐतिहासिक पुलिस स्टेशन को कुछ नया रूप देने की सोची. उनका कहना है, “राज्य में ऐसी विरासत वाली इमारतें अब बहुत कम बची हैं, इसलिए मैंने इसे कैफे में बदलने का सोचा.” इस कैफे से होने वाली कमाई पुलिस कल्याण कार्यों में लगाई जाएगी.
ब्रिटिश दौर के सामान से सजाया गया कैफे
कैफे को नया रूप देने का काम युवा महिला उद्यमी नाफी नोंग्रम ने संभाला. उन्होंने पुराने पुलिस स्टेशन में रखे कई ब्रिटिश काल के सामान को फिर से इस्तेमाल किया. दीवारों को वैसे ही रखा गया है जबकि बाकी संरचना को आरामदायक और सुरक्षित बनाने के लिए अपग्रेड किया गया है. यहां तक कि पुराना फायरप्लेस भी उसकी असली स्थिति में लौटाया गया है.
लॉकअप में खाने का अनोखा अनुभव
कैफे में एक हिस्सा पुराने लॉकअप को डाइनिंग एरिया में बदला गया है. एक ग्राहक बैट्सखेम थाबाह ने कहा, “लॉकअप में खाना खाना एक अनोखा अनुभव था, हमने खूब आनंद लिया.” कुल मिलाकर कैफे में 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. खाने में पिज्जा, पास्ता, बर्गर, मोमोज से लेकर साउथ इंडियन, नॉर्थ इंडियन, इंडो-चाइनीज और मैक्सिकन डिशेज़ मिलती हैं.