Longwa Village Nagaland: भारत और म्यांमार की सीमा पर एक अनोखा गांव बसा हुआ है, जहां के लोग दोहरी नागरिकता के साथ एक खास जीवन जीते हैं. इस गांव के लोग भारत और म्यांमार, दोनों देशों के नागरिक हैं और उन्हें दोनों देशों में आने-जाने की पूरी आज़ादी मिली हुई है. इतना ही नहीं, वे दोनों देशों में वोट भी डाल सकते हैं और वहां के सरकारी लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं.
गांव के लोगों की अनोखी दिनचर्या
इस गांव के लोग की दिनचर्या भी काफी दिलचस्प है. वे दिन में भारत में रहते हैं, यहां खाते-पीते और काम करते हैं, लेकिन रात में सोने के लिए म्यांमार चले जाते हैं. दरअसल, गांव की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि कई लोगों के घर भारत और म्यांमार दोनों देशों में फैले हुए हैं. कुछ लोगों का किचन भारत में है तो बेडरूम म्यांमार में इसलिए उनके लिए दोनों देशों में रहना कोई बड़ी बात नहीं है.
कैसे मिली दोहरी नागरिकता?
भारत और म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट रिजीम (Free Movement Regime) के तहत इस गांव के लोगों को दोहरी नागरिकता मिली हुई है. यह नियम खास तौर पर सीमा पर बसे गांवों के लिए बनाया गया है, ताकि यहां के लोगों को एक देश से दूसरे देश जाने में कोई परेशानी न हो. इसी कारण से गांव के लोग बिना वीजा या पासपोर्ट के भी दोनों देशों में आ-जा सकते हैं और अपनी ज़िंदगी आराम से जी सकते हैं.
दो देशों की मिली-जुली संस्कृति
इस गांव में रहने वाले लोग भारत और म्यांमार की संस्कृति को मिलाकर अपना जीवन जीते हैं. उनकी भाषा, पहनावा, खान-पान और रीति-रिवाजों में दोनों देशों की झलक देखने को मिलती है. यहां के बच्चे अपनी मर्जी के अनुसार भारत या म्यांमार के स्कूल में पढ़ सकते हैं. इसी तरह, नौकरी और व्यापार के मामले में भी वे अपनी सुविधा के हिसाब से किसी भी देश में काम कर सकते हैं.