QUIT-TOK : आजतक आपने ई-मेल पर इस्तीफा दिया होगा. लेकिन क्या कभी आपने सुन है कर्मचारी टिकटॉक पर अपने इस्तीफे का ऐलान कर रहे हैं. लोग बकायदा वीडियो बनाकर टिकटॉक पर अपने इस्तीफे की जानकारी पूरी दुनिया के साथ साझा कर रहे हैं. वे उस वीडियो में इस्तीफे से जुड़े कारण और उनके पूरे अनुभव के बारे में खुलकर बात करते हैं.
आइए जानते हैं क्या है QUIT-TOK ?
विदेश में एक नया कल्चर इजाद हुआ है. इसमें कर्मचारी ऑफिस में मेल करने की बजाय टिकटॉक पर ही वीडियो बनाकर अपलोड कर देता है. इसको ही QUIT-TOK कहते हैं. दरअसल, विदेशी मीडिया कंपनी बीबीसी ने अभी एक रिपोर्ट निकाली, जिसमें उन्होंने QUIT-TOK की बात की है. इसमें उन्होंने बताया कई संस्थानों में जो कर्मचारी अपनी कंपनी से खुश नहीं हैं, वो खुलकर पूरे समाज के सामने अपने इस्तीफे का कारण बताते हैं. वे उस कंपनी के साथ अपने अच्छे बुरे अपने सभी अनुभवों को साझा भी करते हैं. ये चीज ज्यादा उम्र वाले लोगों के बजाय कम उम्र वालों में ज्यादा देखी जा रही है. मतलब ये कि कम उम्र वाले युवा कर्मचारी इस टैकनिक को ज्यादा अपना रहे हैं.
क्या होता है इन वीडियो में
दरअसल, इसमें लोग या तो वीडियो रिकॉर्ड करते हैं या फिर लाइव ही रिजाइन करते हैं. कई बार तो जूम मीडिंग्स को भी लोग लाइव दिखाते हैं. लोग इसके माध्यम से अपने अच्छे बुरे सभी अनुभवों को साझा कर पाते हैं. इस पर कई लोगों के बयान सामने आए. इसमें से एक महिला क्रिस्टीना जुम्बो जो कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार कर्मचारी रह चुकी हैं. इन्होंने अपने एक बयान में बताया जब उन्होंने सितंबर 2022 में अपना इस्तीफा अपने बॉस को भेजा, तब वो वीडियो कॉल के लिए काफी नरवस थी, उन्होंने बताया जब उन्होंने अपने 140,000 टिकटॉक फॉलोवर्स को ये बतााया कि वो मेंटली हेल्दी नहीं है, तब उनको बहुत सपोर्ट मिला, जिसकी उनको बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी.
साथ ही उन्होंने बताया मेरे लिए बहुत मुश्किल था कंपनी को छोड़ना. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी टीम और मैनेजर को क्या बोलूं? ये भी खयाल मुझे डरा रहा था कि मैं कैसे बिना किसी आगे के प्लान के साथ, जॉब के साथ, यहां पर इस्तीफा दूं. वो भी कोविड के समय, जब जॉब मिलना नामुमकिन सा था. लेकिन मैंने फैसला लिया और जॉब छोड़ी. कोई इस बारे में खुलकर बात नहीं करता. आजकल जॉब से जुड़े इतने सवाल हैं लेकिन किसी को नहीं पता कि क्या करना है. मेरे हिसाब से ये सबसे अच्छा तरीका है. अपने संस्थान को छोड़ने का डर जायज है लेकिन परेशान होकर उस संस्थान में काम करना भी कोई ठीक बात नहीं. मुझे ताज्जुब होता है कि ऑनलाइन की इस दुनिया में आप अपनी कमजोरियां बताकर और कमजोर नहीं होते हैं, बल्कि और ताकतवर बनते हैं.
कई लोग इस बात से असहमत
बहुत सारे लोग इस बात को सही नहीं मानते. उनका तर्क है -"आगे जॉब मिलने के चांस कम हो जाते हैं. अपनी कमजोरियों को हर जगह गाना उनके हिसाब से सही नहीं है. सबके अलग अलग मत हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है , विदेशों में ये कल्चर जोर शोर से आगे बढ़ रहा है. क्या आने वाले समय में भारत के वर्क कल्चर पर भी असर डालेगा? ये तो देखने वाली बात होगी.