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इंजीनियर्स हैं या झोलाछाप राजमिस्त्री! सड़क के बीच कैसे खड़ा कर दिया बिजली टॉवर? इंटरनेट पर मचा बवाल

Bengaluru Electric Tower: कुछ ऐसी अजीबोगरीब घटनाएं सामने आ रही हैं जो अब सोशल मीडिया पर मास्टरपीस इंजीनियरिंग के नाम से वायरल हो रही हैं. बेंगलुरु से सामने आए हालिया उदाहरणों ने देश में शहरी विकास और योजना निर्माण की गंभीर खामियों की पोल खोल दी है.

 
इंजीनियर्स हैं या झोलाछाप राजमिस्त्री! सड़क के बीच कैसे खड़ा कर दिया बिजली टॉवर? इंटरनेट पर मचा बवाल
Alkesh Kushwaha|Updated: Jun 20, 2025, 11:19 AM IST
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Transformer In The Middle Of Road: भारत में विकास और शहरी निर्माण के नाम पर कुछ ऐसी अजीबोगरीब घटनाएं सामने आ रही हैं जो अब सोशल मीडिया पर मास्टरपीस इंजीनियरिंग के नाम से वायरल हो रही हैं. मध्य प्रदेश और बेंगलुरु से सामने आए हालिया उदाहरणों ने देश में शहरी विकास और योजना निर्माण की गंभीर खामियों की पोल खोल दी है.

इन उदाहरणों में सबसे ज्यादा चर्चा में है मध्य प्रदेश की एक सड़क, जहां बिलकुल बीच में ट्रांसफार्मर खड़ा कर दिया गया है. यह मामला एक्स (पहले ट्विटर) पर यूजर @gemsofbabus_ ने शेयर किया और कैप्शन में लिखा, “मध्य प्रदेश की भ्रष्ट व्यवस्था और शहरी नियोजन अलग ही लेवल पर है, लेकिन कोई बात नहीं करता.” यह तस्वीर देखकर लोग हैरान रह गए कि किसी ने सड़क के बीच में बिजली का खंभा या ट्रांसफार्मर खड़ा करने की मंजूरी कैसे दी.

 

 

इस पोस्ट के जवाब में एक और यूजर @punitpalial ने बेंगलुरु का एक वीडियो शेयर किया जिसमें Hebbal इलाके में सड़क के बीचों-बीच एक विशाल इलेक्ट्रिक टावर खड़ा है. कई यूज़र्स को लगा कि यह वीडियो शायद AI से बनाया गया है, लेकिन पुनीत ने बताया कि यह वीडियो iPhone से खुद रिकॉर्ड किया गया है और यह दृश्य असली है. ये दो मामले सिर्फ शुरुआत हैं. इससे पहले भोपाल में बना एक रेल ओवरब्रिज भी लोगों की आलोचना का शिकार बना था. यह पुल ₹18 करोड़ की लागत से बनाया गया था, जो ट्रैफिक कम करने के लिए ऐशबाग इलाके में बनाया गया था.

लेकिन इस पुल की डिजाइन ऐसी थी कि उसमें एक 90 डिग्री का तीखा मोड़ था, जिसे देखकर लोग बोले – "यह किसी इंजीनियर की ड्राइंग नहीं, बल्कि किसी ऑफिस डायरी में बनाई गई रफ स्केच जैसी लगती है."

स्थानीय निवासियों ने इसे कंफ्यूजन की मूर्ति कहा. एक यूजर ने कहा, "यहां 100% एक्सीडेंट होने की संभावना है." इसके बाद जब जनता और मीडिया का दबाव बढ़ा, तो आखिरकार प्रशासन ने इस पुल को फिर से डिज़ाइन करने का फैसला किया. अब इस पुल के मोड़ को तीन फीट तक चौड़ा किया जा रहा है ताकि गाड़ियां आसानी से मुड़ सकें.

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