Trending Miral Meme: सोशल मीडिया पर अगर आप एक्टिव रहते हैं, तो हाल ही में वायरल हुए ‘Tab Tabi Tab’ ऑडियो को जरूर सुना होगा. यह मीम तेजी से फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर छा गया है. लोग इसे मजेदार वीडियो और रिलेटेबल कंटेंट में इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि इसकी जड़ें 1200 साल पुरानी एक ऐतिहासिक कविता से जुड़ी हैं?
कैसे बनी यह अनोखी कविता?
यह दिलचस्प किस्सा अब्बासी खलीफा हारून अल-रशीद के दरबार से जुड़ा है. उस समय एक प्रथा थी कि जो भी कवि अपनी रचना खलीफा को सुनाएगा, अगर खलीफा उसे याद न रख सके तो उसे सोने से तौला जाएगा. लेकिन खलीफा की याददाश्त इतनी तेज थी कि वह एक बार सुनकर ही पूरी कविता याद कर लेते थे और कभी हारते नहीं थे.
अरब के मशहूर कवि अल-अस्माई को जब इस प्रथा का पता चला, तो उन्होंने खलीफा को मात देने के लिए एक अनोखी और जटिल कविता रची. इस कविता में इतनी कठिन ध्वनियां और लयबद्धता थी कि इसे सुनने के बाद कोई भी आसानी से याद नहीं रख सकता था.
जब खलीफा भी रह गए हैरान!
दरबार में अल-अस्माई ने अपनी कविता सुनाई:
"मेरे बाग़ के बीचों-बीच, फूल खिले और खुशियां बरसीं.
ढोल बजा, संगीत गूंजा, और तालियों की धुन छाई.
टैब तबी टैब टैब टैबाली, टैब तबी टैब टैब टैबाली."
कविता की ध्वनि और लय इतनी कठिन थी कि पहली बार खलीफा हारून अल-रशीद इसे याद नहीं रख पाए! उनके दरबारी भी इसे दोहरा नहीं सके. इस तरह अल-अस्माई ने अपनी बुद्धिमत्ता से खलीफा को चकित कर दिया और इनाम के हकदार बने.
कैसे बनी यह कविता वायरल मीम?
आज, सदियों बाद, यह कविता इंटरनेट पर नए रूप में छा गई है। 'Tab Tabi Tab' ऑडियो को मीमर्स मजेदार वीडियो बनाने में इस्तेमाल कर रहे हैं। इतिहास और हास्य का यह अनोखा मेल लोगों को खूब पसंद आ रहा है. तो अगली बार जब आप ‘Tab Tabi Tab’ मीम देखें, तो समझ लें कि यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि 1200 साल पुरानी कविता की विरासत है.