Shocking News: ब्राजील के उत्तरी पहाड़ों में एक छोटा सा गांव है, जिसका नाम है सेरिन्हा डॉस पिंटोस. इस गांव में सिर्फ 5,000 लोग रहते हैं. यह गांव सालों तक दुनिया से अलग-थलग रहा. यहां की शादी की परंपराएं और आनुवंशिक समस्याओं ने वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा है. गांव के कई बच्चे चल नहीं पाते और इसकी वजह एक दुर्लभ बीमारी है जिसे स्पोएन सिंड्रोम कहते हैं.
20 साल पहले हुई खोज
लगभग 20 साल पहले ब्राजील की जीवविज्ञानी सिल्वाना सांतोस इस गांव में आईं. उन्होंने देखा कि कई बच्चे चल नहीं पाते. गांव वालों को इसकी वजह नहीं पता थी. सिल्वाना ने गहराई से जांच की और पाया कि बच्चों को स्पोएन सिंड्रोम नाम की बीमारी है. यह एक आनुवंशिक बीमारी है जो माता-पिता दोनों के जीन में बदलाव की वजह से होती है.
क्या है स्पोएन सिंड्रोम?
स्पोएन सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है. इसका पूरा नाम है - स्पास्टिक पैराप्लेजिया, ऑप्टिक एट्रोफी और न्यूरोपैथी. यह बीमारी आमतौर पर किशोरावस्था से पहले शुरू होती है. इससे बच्चों की चलने की क्षमता, आंखों की रोशनी और नसों की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम हो जाती है. अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपचारों से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है.
गांव की शादी की परंपराएं
सेरिन्हा डॉस पिंटोस में सालों से एक ही समुदाय के भीतर शादी करने की परंपरा रही है. गांव के लगभग 30% जोड़े आपस में करीबी रिश्तेदार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि गांव लंबे समय तक बाहरी दुनिया से कटा रहा. इस वजह से आनुवंशिक बीमारियां जैसे स्पोएन सिंड्रोम फैलने का खतरा बढ़ गया. ब्राजील के अन्य हिस्सों में भी चचेरे-ममेरे भाई-बहनों की शादी होती है, लेकिन इस गांव में यह बहुत आम है.
सिल्वाना सांतोस का योगदान
सिल्वाना सांतोस की मेहनत से स्पोएन सिंड्रोम के बारे में दुनिया को पता चला. उनकी खोज ने न केवल इस बीमारी को समझने में मदद की, बल्कि गांव की सामाजिक परंपराओं और आनुवंशिक स्वास्थ्य के बीच संबंध को भी उजागर किया. उनके काम ने लोगों में इस बीमारी के प्रति सहानुभूति और जागरूकता बढ़ाई.