Germany Viral News: मां बनने का सुख हर महिला के लिए खास होता है, लेकिन अगर कोई 66 साल की उम्र में 10वीं बार मां बने तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं लगता. जर्मनी की रहने वाली अलेक्जेंड्रा हिल्डेब्रांड्ट ने 66 साल की उम्र में अपने 10वें बच्चे को जन्म देकर सबको चौंका दिया. उनका यह सफर करीब पांच दशकों तक फैला हुआ है, क्योंकि उन्होंने अपना पहला बच्चा 1977 में जन्म दिया था. हाल ही में उन्होंने 19 मार्च को बर्लिन के चैरिटे अस्पताल में अपने बेटे फिलिप को जन्म दिया. डॉक्टरों ने सावधानी बरतते हुए बच्चे को जन्म के तुरंत बाद इनक्यूबेटर में रखा, ताकि उसकी सेहत का ध्यान रखा जा सके.
कई दशकों तक चला मां बनने का सफर
अलेक्जेंड्रा हिल्डेब्रांड्ट केवल एक मां ही नहीं, बल्कि इतिहासकार और संग्रहालय निदेशक भी हैं. वह बर्लिन के चेकप्वाइंट चार्ली पर बने वॉल म्यूजियम की मालिक हैं. उन्होंने अपने पहले बच्चे स्वेतलाना को 45 साल पहले जन्म दिया था. इसके बाद उन्होंने 50 साल की उम्र के बाद भी कई बच्चों को जन्म दिया. उनके बड़े बेटे आर्टिओम (36 वर्ष) हैं, जबकि उनके छोटे बच्चों में एलिज़ाबेथ और मैक्सिमिलियन (12 साल के जुड़वां), एलेक्जेंड्रा (10), लियोपोल्ड (8), अन्ना (7), मारिया (4) और काथरीना (2) शामिल हैं.
स्वस्थ जीवनशैली का दिया श्रेय
इतनी अधिक उम्र में मां बनने पर लोग हैरान हैं, लेकिन हिल्डेब्रांड्ट का कहना है कि उन्होंने यह बिना किसी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के हासिल किया. उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से बहुत हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करती हूं. मैं रोज़ एक घंटे तैराकी करती हूं, दो घंटे दौड़ती हूं, न तो शराब पीती हूं और न ही धूम्रपान करती हूं. मैंने कभी गर्भनिरोधक का इस्तेमाल नहीं किया.” उनका मानना है कि अगर शरीर स्वस्थ है, तो उम्र कोई बाधा नहीं बनती.
मां बनने पर डॉक्टरों की प्रतिक्रिया
बर्लिन के चैरिटे अस्पताल के प्रसूति चिकित्सा विभाग के निदेशक प्रोफेसर वोल्फगैंग हेनरिच ने इसे "असाधारण मामला" बताया. उन्होंने कहा कि इस उम्र में गर्भावस्था संभालना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन हिल्डेब्रांड्ट ने इसे अपने मजबूत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के कारण सफलतापूर्वक पूरा किया. वहीं, प्रजनन विशेषज्ञ डॉ. एलेक्स रोब्लेस ने भी बताया कि 45 वर्ष के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण की संभावना 5% से भी कम होती है और इसमें मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिम होते हैं. अलेक्जेंड्रा हिल्डेब्रांड्ट का कहना है कि "आजकल लोग बच्चों को लेकर नकारात्मक सोच रखते हैं. लेकिन अगर वे बच्चों के संपर्क में आएं तो उनकी राय बदल सकती है. हमें अधिक बच्चों को जन्म देने के लिए मोटिवेशन करना चाहिए." उनका यह बयान चर्चा का विषय बन गया है.