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Viral News : ओला, उबर और रैपिडो पर बैन के बाद, इस शहर की सड़कों में मची हाहाकार; घंटों फंसे रहे लोग!

Viral News : बाइक टैक्सी बैन के बाद भी बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या कम नहीं हुई है. एक शख्स ने सोशल मीडिया पर बताया कि कुछ ही किलोमीटर चलने में उसे काफी वक्त लग गया. लोगों को उम्मीद थी कि बाइक बैन से भीड़ घटेगी, लेकिन स्थिति पहले से भी बदतर लग रही है.  

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Shiv Govind Mishra|Updated: Jun 18, 2025, 05:24 PM IST
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Viral News : बेंगलुरु में बाइक टैक्सी पर बैन लगने के बाद, एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर ट्रैफिक से जुड़ा अपना अनुभव शेयर किया. उसने बताया कि बाइक पर पाबंदी के बावजूद शहर में कुछ किलोमीटर का सफर तय करने में उसे आधा घंटा लग गया.

कोर्ट के आदेश के बाद ओला, उबर और रैपिडो पर रोक

आईटी हब कहे जाने वाले बेंगलुरु में पहले से ही वाहन अधिक हैं, और अब 13 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के अनुसार ओला, उबर और रैपिडो जैसी ऐप-आधारित बाइक टैक्सी सेवाओं पर 16 जून 2025 से रोक लगा दी गई है, जब तक कि सरकार इन पर कोई स्पष्ट नीति नहीं बनाती. कुछ लोगों को उम्मीद थी कि बाइक टैक्सी बंद होने से ट्रैफिक कम होगा, लेकिन Reddit पर एक यूजर ने बताया कि स्थिति उलटी हो गई है. उसने लिखा कि बाइक बैन के बाद ट्रैफिक और बढ़ गया है, 4 किमी के सफर में 30 मिनट लगे और रैपिडो ऑटो बुक करने में 1 घंटा लग गया. बस सेवा के विकल्प पर उसने लिखा कि बसें लेट आती हैं, भीड़भरी होती हैं और तय स्टॉप पर नहीं रुकतीं.

ठोस कदम उठाने की जरूरत

यूजर ने आगे लिखा, अब कोई विकल्प नहीं बचा है क्योंकि मेरे पास न तो बाइक है और न ही कार. हमें अब कुछ ठोस कदम उठाने की जरूरत है. यह सिर्फ एक राज्य या भाषा की बात नहीं है, बल्कि हम सभी की समस्या है, जिसके खिलाफ मिलकर आवाज उठानी चाहिए. इस रेडिट पोस्ट को अब तक 250 से अधिक अपवोट्स और 70 से ज्यादा प्रतिक्रियाएं मिल चुकी हैं.

क्या बोले यूजर्स?

Protest against the Bengaluru regime
byu/perfect_ambivert inBengaluru

बेंगलुरु की ट्रैफिक समस्या पर कमेंट सेक्शन में लोग खुलकर अपनी राय दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, “मुझे समझ नहीं आता कि ऐसी वैध सेवा को क्यों रोका जा रहा है, जो उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो उबर या ऑटो नहीं ले सकते. ये कोई नशा नहीं है, ये एक ट्रांसपोर्ट विकल्प है.” उसने आगे कहा कि जब तक कोई सेवा समाज को व्यापक रूप से नुकसान नहीं पहुंचा रही, तब तक उसे बंद करना गलत है. इस फैसले से एक पूरे उद्योग को नुकसान पहुंच रहा है.

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