Premanand Ji Maharaj: जब एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा कि क्या रिश्ते कर्मों का फल हैं. इस पर महाराज जी बताते हैं कि जो भी हमारे रिश्ते होते हैं, चाहे वो पिता का हो, माता का हो या फिर भाई-बहन का ये सब हमारे कर्मों से जुड़े हुए होते हैं. जैसे हमने पूर्व जन्म में कर्म किए होंगे, वैसे ही हमारे रिश्ते होंगे. आप भी देखिए ये वीडियो.......................................................................................................................................................
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