Premanand Ji Maharaj: जब एक भक्त ने पूछा कि जब इस मिट्टी के कण-कण में भगवान है तो हम तीर्थ क्यों करते हैं. इस पर प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि हर चीज की एक प्रक्रिया होती है. हम गृहस्थ जीवन में रहते हैं. कभी न कभी हमसे पाप हो ही जाता है. तो उसी गलती को सुधारने के लिए तीर्थ है, जहां जाकर हम अपने पाप को धो सकते हैं और पुण्य कमा सकते हैं. आप भी देखिए ये वीडियो.....................................................................................................................................
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