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BA वालों को कौन जॉब देता है? ऐसे सवाल सुनकर भड़की DU की ये टॉपर गर्ल, जब नहीं मिली कोई इंटर्नशिप

Trending News: बिस्मा फरीद (Bisma Fareed) ने अपनी पोस्ट में समाज से अपील की कि सभी स्ट्रीम्स को सम्मान दिया जाए. उन्होंने कहा, “दुनिया को हर तरह के दृष्टिकोण की जरूरत है. आलोचना बंद करें और एक-दूसरे को स्वीकार करें.” उनकी यह बात लोगों के दिलों को छू रही है.

 
BA वालों को कौन जॉब देता है? ऐसे सवाल सुनकर भड़की DU की ये टॉपर गर्ल, जब नहीं मिली कोई इंटर्नशिप
Alkesh Kushwaha|Updated: May 13, 2025, 07:35 AM IST
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Bachelor Of Arts Student In Delhi: दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक स्टूडेंट बिस्मा फरीद (Bisma Fareed) पहले अपनी इंटर्नशिप न मिलने की कहानी को लेकर सुर्खियों में आई थीं. अब उन्होंने एक और लिंक्डइन पोस्ट में आर्ट्स स्टूडेंट्स के खिलाफ भेदभाव और पुरानी सोच पर सवाल उठाए हैं. उनकी यह पोस्ट भी तेजी से वायरल हो रही है.

50 सर्टिफिकेट फिर भी इंटर्नशिप नहीं

हंसराज कॉलेज (Hansraj Collage) की फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट बिस्मा फरीद ने पहले बताया था कि उनके पास 50 से ज्यादा सर्टिफिकेट, 10 मेडल और कई ट्रॉफी हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें इंटर्नशिप नहीं मिली. उनकी पिछली पोस्ट में उन्होंने लिखा था, “इनमें से एक भी मेरी मदद नहीं कर सका.” इस पोस्ट के वायरल होने के बाद उन्हें सपोर्ट के साथ-साथ आलोचना भी मिली.

आर्ट्स क्यों चुना? जैसे सवाल

बिस्मा फरीद ने अपनी नई पोस्ट में लिखा, “मेरी पोस्ट वायरल होने के बाद मुझे हजारों इंस्पीरेशनल मैसेज मिले, लेकिन सैकड़ों पुरानी सोच वाले सवाल भी आए.” कुछ लोगों ने उनसे पूछा, “टॉपर थीं तो आर्ट्स क्यों लिया?”, “इतनी टैलेंटेड थी तो बीए क्यों किया?” और “बीए वालों को कौन नौकरी देता है?” बिस्मा ने जवाब में लिखा, “आपने हर आर्ट्स स्टूडेंट को कमतर महसूस कराया, जैसे सिर्फ साइंस, बीटेक और बड़े कोर्स ही समाज में योगदान देते हैं. बाकी सब बेकार हैं.”

आर्ट्स को क्यों माना जाता है कम?

बिस्मा फरीद ने सवाल उठाया, “अगर बीए और आर्ट्स कोर्स की कोई कीमत नहीं, तो एजुकेशन सिस्टम इन्हें क्यों ऑफर करती है? हमें बेवकूफ बनाने के लिए? ताकि लोग हमारा मजाक उड़ा सकें?” उन्होंने गुस्से में कहा, “एक ही समाधान है: इन कोर्स को खत्म कर दो. सबको साइंस और इंजीनियरिंग पढ़ने के लिए मजबूर करो. तब शायद कोई जज न करे.”

आर्ट्स है पसंद, मजबूरी नहीं

बिस्मा ने अपनी पोस्ट में स्पष्ट किया कि आर्ट्स उनकी पसंद है, मजबूरी नहीं. उन्होंने लिखा, “हर कोई कोडिंग या एनाटॉमी में रुचि नहीं रखता. कुछ लोग स्वतंत्र सोच और रचनात्मकता पसंद करते हैं. आर्ट्स स्टूडेंट्स में गंभीर सोच, सहानुभूति और समस्या-समाधान की स्किल्स होती हैं, जो हर इंडस्ट्री में काम आती हैं.” उन्होंने अन्य आर्ट्स स्टूडेंट्स से कहा, “अपने स्ट्रीम को कम मत समझो. आपका योगदान मूल्यवान है.”

पूरा पोस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें

बिस्मा फरीद की पोस्ट को सोशल मीडिया पर खूब सपोर्ट मिल रहा है. एक यूजर ने लिखा, “हमें हमेशा आर्ट्स चुनने का कारण बताना पड़ता है- परिवार, रिश्तेदारों या अजनबियों को. अगर इन कोर्स की कोई वैल्यू नहीं तो इन्हें हटा दो.” एक अन्य यूजर ने कहा, “आर्ट्स स्टूडेंट होने के नाते मैंने भी ऐसी मुश्किलें झेली हैं. लेकिन कोई भी कोर्स मजाक नहीं है. हर स्ट्रीम में मेहनत और लगन चाहिए.”

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