Viral News : अब तक ENT यानी कान, नाक और गले की समस्याओं से जुड़ा माना जाता था, लेकिन गुजरात के सूरत से सामने आए एक अनोखे मामले ने इस धारणा को चुनौती दे दी है. सूरत के कोसंबा में रहने वाली 63 वर्षीय जैबुन्निसा एम करीब 20 वर्षों से सुनने में असमर्थ थीं. बीते दस सालों में उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि महंगे से महंगे हियरिंग एड भी कोई फायदा नहीं कर पाए. उन्होंने सामाजिक आयोजनों में जाना छोड़ दिया और लोग उन्हें घमंडी समझने लगे, जबकि हकीकत यह थी कि वे सुन ही नहीं पाती थीं.
अचानक सुनाई देने लगी आवाजें
जुलाई 2025 में उनकी कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की योजना बनी. उनकी एक बेटी दुबई से और दूसरी अमेरिका से सर्जरी के लिए तैयार थीं. लेकिन सर्जरी से पहले कुछ एक चमत्कारी घटना घटी, जिसने सबको चौंका दिया. जैबुन्निसा को अचानक आवाजें सुनाई देने लगीं. वह उत्साहित होकर अपने पति और पड़ोसियों को यह बताने दौड़ीं ताकि यकीन हो सके कि यह सिर्फ उनका वहम नहीं था. डॉक्टर्स के अनुसार, यह बदलाव तब आया जब उन्होंने कुछ डेंटल प्रक्रियाएं करवाईं, जिनमें फुल माउथ रिकंस्ट्रक्शन, TMJ रिहैबिलिटेशन और नर्व डीकंप्रेशन शामिल थे. जानकारों का मानना है कि दांतों के इलाज के दौरान हुई नसों की डीकंप्रेशन प्रक्रिया ने शायद उनके सुनने की क्षमता को वापस लाने में भूमिका निभाई. यह केस अब मेडिकल साइंस के लिए शोध का विषय बन गया है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
जैबुन्निसा की सुनने की क्षमता में अचानक हुए सुधार को देखकर ENT विशेषज्ञों ने उनकी कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी को टाल दिया. बताया जा रहा है, कि पहले जहां उन्हें हर फोन कॉल में दूसरों की मदद लेनी पड़ती थी, अब वह खुद से बातें कर पा रही हैं और सामाजिक आयोजनों में हिस्सा लेने को लेकर उत्साहित हैं. उनकी बेटी तहजीब दुबई में रेडियोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने बताया कि पहले बातचीत में सिर्फ हम सुनते थे, अब मां भी जवाब देने लगी हैं, बिल्कुल पहले जैसी. जैबुन्निसा के पति अब्बास खुद एक डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा, कि शुरुआत में तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ, लेकिन अब हम ईश्वर का शुक्रिया अदा करते हैं. डेंटल इम्प्लांट की वजह से उन्हें दोबारा सुनाई देने लगा है.